भारी दबाव और विरोध का सामना कर रहे बांग्लादेश(Bangladesh) की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने आखिरकार शुक्रवार को एलान किया कि देश का अगला राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े (1 से 15 अप्रैल के बीच) में आयोजित किया जाएगा। ईद-उल-अजहा (बकरीद) की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश का चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव की विस्तृत रूपरेखा पेश करेगा। यूनुस ने अपने संबोधन में कहा कि अंतरिम सरकार तीन मुख्य उद्देश्यों सुधार, न्याय और चुनाव के आधार पर सत्ता में आई है।
अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होंगे चुनाव
अपने संबोधन में यूनुस ने कहा, सरकार ने स्वतंत्र, निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और स्वीकार्य चुनाव आयोजित करने के लिए सभी दलों के साथ चर्चा की है। इसके अलावा, न्याय, सुधार और चुनाव से संबंधित चल रही सुधार गतिविधियों की समीक्षा के बाद मैं आज देशवासियों को घोषणा कर रहा हूं कि अगले राष्ट्रीय चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में होंगे।
उन्होंने जोर देकर कहा कि लक्ष्य एक ऐसी प्रक्रिया बनाना है जो शहीदों की आत्माओं को संतुष्ट करे और राष्ट्र द्वारा अपनी ईमानदारी और निष्पक्षता के लिए याद किया जाए। उनकी इस घोषणा से चुनाव के समय को लेकर महीनों से चल रही अटकलों और राजनीतिक खींचतान का अंत हो गया है।
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सेना कर रही थी विरोध
बता दें कि, देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके और उनकी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। दूसरी तरफ ढाका की सड़कों पर बांग्लादेश की फौज भी लगातार मार्च कर रही है। उधर मोहम्मद यूनुस की समर्थक रही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(बीएनपी) पार्टी ने भी पिछले दिनों उन्हें बड़ा झटका देते हुए आम चुनाव का रोडमैप देने को कहा था। इसको लेकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी(बीएनपी) ने आपात बैठक बुलाई थी। हालांकि, इस बैठक में आम सहमति से यूनुस को ही अंतरिम सरकार के मुखिया के तौर पर कुर्सी पर बैठने देने पर सहमति बन गई थी।
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सेना प्रमुख ने यूनुस सरकार की वैधाता पर खड़े किए थे सवाल
बता दें कि, बीते दिनों यूनुस और सेना प्रमुख के बीच जुबानी जंग भी खूब चली। बांग्लादेशी सेना प्रमुख वकार-जमान ने यूनुस सरकार को अवैधानिक बता दिया था। इसके बाद बौखलाए यूनुस खान ने इस्तीफे की धमकी दी जिसे सेना ने स्वीकार भी कर लिया। लेकिन यूनुस ने पलटी मारते हुए कुर्सी नहीं छोड़ी। अब वह सेना प्रमुख को हटाना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार यूनुस अगले 5 वर्षों तक सत्ता में बने रहना चाह रहे थे। लेकिन भारी दबाव की वजह से उन्हें देश में आम चुनाव की घोषणा करनी पड़ी।
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प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागने के लिए होना पड़ा था मजबूर
बता दें कि, साल 2024 में बांग्लादेश भारी उथल-पुथल में डूब गया था। कोटा सिस्टम के को लेकर पूरे देश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग सरकार के व्यापक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। स्थिति तब और बिगड़ गई थी जब शेख हसीन के निर्देश का पालन करते हुए सेना ने कई छात्रों पर गोली चलवा दी। जिसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तब उन्होंने सेना के हेलीकॉप्टर से वह दिल्ली के लिए रवाना हो गई थीं। वर्तमान में भारत में निर्वासन में हैं। इसके तीन दिन बाद बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ था। भारत ने इससे पहले बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव शीघ्र कराने का आह्वान किया था, साथ ही पड़ोसी देश द्वारा शेख हसीना की अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने पर चिंता भी जताई थी।
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