बिलासपुर। अमित जोगी के खिलाफ दायर चुनावी याचिका में आज हाईपावर कमेटी की अध्यक्ष रीना बाबा साहेब कंगाले की गवाही हुई. इस मामले में याचिकाकर्ता समीरा पैकरा के वकील सतीशचंद्र वर्मा ने बताया कि रीना बाबा साहेब कंगाले ने कोर्ट में अमित जोगी के पिता अजीत जोगी की जाति के खिलाफ फैसले की जानकारी की दी. जिसमें उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाईपावर कमेटी ने अजीत जोगी की जाति को आदिवासी नहीं माना है.  रीना बाबा साहेब कंगाले ने संबंधित दस्तावेज़ भी कोर्ट को सौंपे.

 

इस मामले में रीना बाबा साहेब कंगाले की गुरुवार को भी गवाही होगी. ये गवाही समीरा पैकरा की चुनावी याचिका पर हुई जिसमें समीरा पैकरा ने अमित जोगी को आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट पर आदिवासी न होने के बाद भी चुनाव लड़ने पर उनकी विधायिकी को खारिज करने की मांग की है.

 

समीरा पैकरा की ओर से ये कहा गया है कि अमित जोगी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ये चुनाव लड़ा है. उन्होंने अलग-अलग दस्तावेज़ों में तीन जगहों पर अपना जन्म दिखाया है. इसे लेकर समीरा ने उनकी जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों और उनके पिता की जाति की जांच करने वाले को गवाही के रुप में बुलाये जाने की मांग की थी. जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.

कोर्ट में इस मांग को मानते हुए केंद्रीय गृह सचिव एलसी गोयल को गवाही के लिए बुलाया है. गुरुवार को सुनवाई में कोर्ट वो तारीख तय कर सकती है जिसमें केंद्रीय गृह सचिव को आना है.

समीरा की दलील है कि चूंकि अजीत जोगी आदिवासी नहीं हैं तो न ही अमित जोगी आदिवासी हुए न ही वो आदिवासी सीट से चुनाव लड़ने की योग्यता रखते थे. इस आधार पर अमित जोगी के चुनाव को खारिज़ किया जाए.