विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। मरवाही उपचुनाव में नामांकन के दूसरे दिन आज जिला निर्वाचन अधिकारी ने अमित जोगी एवं उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया है। नामांकन निरस्त होने के पीछे वजह बना जाति प्रमाण पत्र, उच्च स्तरीय जाति प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा 15 अक्टूबर का आदेश है जिसे 16 तारीख को जारी किया गया था। इस आदेश को आधार मानकर अमित जोगी का नामांकन निरस्त किया गया। वही मुंगेली में जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र निलंबन को आधार मानकर ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया। जिसके बाद मरवाही उपचुनाव में जोगी परिवार की दावेदारी समाप्त हो गई।

दरअसल जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा कल जारी किए गए आदेश जिसमें अमित जोगी को कंवर जाति का ना मानते हुए जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने का आदेश पारित किया था। इसी आदेश को आधार बनाकर आपत्तिकर्ताओं ने आज स्क्रूटनी के दिन जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत की। जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा पारित आदेश को आधार मानते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने अमित जोगी का नामांकन निरस्त कर दिया वहीं कुछ ही देर में ऋचा जोगी के मामले की सुनवाई हुई तब आपत्ति कर्ताओं ने जिला स्तरीय छानबीन समिति द्वारा ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निलंबित किए जाने के आदेश के साथ ही उनके नामांकन पर आपत्ति की। जिस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने सुनवाई करते हुए ऋचा जोगी के नामांकन को और अविधिमान मानते हुए उसे निरस्त कर दिया।

जाति मामले में आपत्तिकर्ताओं में कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी केके ध्रुव के साथ संत कुमार नेताम भी थे। दोनों ने जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष उच्च स्तरीय छानबीन समिति द्वारा जारी किए गए आदेश की प्रतियां लगाई। कांग्रेस इस फैसले पर खुशी जाहिर कर रही है तो संत कुमार नेताम ने भी कहा कि 20 वर्षों की लड़ाई सफल हुई।

बंद कमरे में हुई सुनवाई

जाति मामले की पूरी सुनवाई जिला निर्वाचन अधिकारी के न्यायालय के बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान मीडिया कर्मियों को भी बाहर निकाल दिया गया। पूरी सुनवाई के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष सिर्फ आपत्ति कर्ता के वकील और स्वयं आपत्ति कर्ता मौजूद थे। जबकि दूसरी तरफ से अमित जोगी अपने साथी वकीलों के साथ पैरवी कर रहे थे। 4 घंटे की लंबी बहस के बाद दोनों अभ्यार्थियों के नामांकन निरस्त कर दिए गए। फैसले पर अमित जोगी ने कहां कि कातिल ही मुंसिफ है क्या मेरे हक में फैसला होगा। उन्होंने इसे भूपेश सरकार द्वारा पूर्व लिखित स्क्रिप्ट करार देते हुए कहा कि अजीत जोगी के जीते जी उनका अपमान किया और आप उनके परिवार की राजनीतिक हत्या की साजिश चल रही है। इस फैसले से हमें मरवाही में अपनी संभावित हार को कुछ दूर कर सकते हैं पर हमें मरवाही की जनता उनके आशीर्वाद और प्यार से दूर नहीं कर सकते अमित जोगी ने इस मामले पर अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है।

आपको बता दें छत्तीसगढ़ बनने के बाद से लगातार जोगी परिवार चुनावी मैदान में रहा है। इसके साथ ही मरवाही सीट पर जोगी परिवार का ही दावा और दबदबा था, पर अजीत जोगी की मृत्यु के बाद खाली हुई सीट पर आए इस फैसले ने जोगी परिवार को ही चुनाव से बाहर कर दिया है और अब ऐसा पहली बार होगा की छत्तीसगढ़ राज्य के अस्तित्व में आने के बाद हुए मरवाही विधानसभा चुनावों में बैलेट पेपर पर जोगी परिवार के किसी भी सदस्य का नाम नहीं होगा।

देखिये वीडियो

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