नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) कभी वापस नहीं लिया जाएगा. भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी. यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक समाचार एजेंसी के साथ साक्षात्कार में कही. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु अधिकार है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे और सीएए को कभी वापस नहीं लिया जाएगा.” इसे भी पढ़ें : भारत की देखा-देखी अमेरिका भी लगा रहा ‘टिकटॉक’ पर प्रतिबंध, अमेरिकी सदन ने पारित किया विधेयक…

बता दें कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम या सीएए के नियमों को इस सप्ताह की शुरुआत में अधिसूचित किया गया था, जिसकी विपक्षी दलों ने आलोचना की थी.

सत्ता में आने पर कानून रद्द करने के इंडिया ब्लॉक के नेताओं के बयानों के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष भी जानता है कि उसके सत्ता में आने की संभावना कम है. “यहां तक कि भारतीय गठबंधन भी जानता है कि वह सत्ता में नहीं आएगा. सीएए भाजपा द्वारा लाया गया है, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर आई है. इसे रद्द करना असंभव है. हम पूरे देश में इसके बारे में जागरूकता फैलाएंगे.” शाह ने कहा, “जो लोग इसे रद्द करना चाहते हैं उन्हें जगह नहीं मिलती.”

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उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों की खिल्ली उड़ाई कि भारतीय जनता पार्टी विवादास्पद कानून के जरिए नया वोट बैंक बना रही है. शाह ने कहा, “विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है. उनका कुछ और कहने का और कुछ और करने का इतिहास है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी का इतिहास अलग है. बीजेपी या पीएम मोदी जो कहते हैं वह पत्थर पर गढ़ा हुआ जैसा है. मोदी की हर गारंटी पूरी हो गई है.

भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए सीएए का उपयोग करने के आरोप का खंडन करते हुए शाह ने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णयों पर विपक्ष की इसी तरह की आपत्तियों की ओर इशारा किया. शाह ने सवाल किया. “उन्होंने यहां तक कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से राजनीतिक फ़ायदा होता है. तो क्या हमें आतंकवाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?”

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सीएए अधिसूचना के समय को लेकर चिंताओं पर मंत्री ने कहा, “राहुल गांधी, ममता या केजरीवाल सहित सभी विपक्षी दल झूठ की राजनीति में लिप्त हैं, इसलिए समय का सवाल ही नहीं उठता.” शाह ने दोहराया कि भाजपा ने सीएए को लेकर अपने इरादे पहले ही स्पष्ट कर दिए थे.

उन्होंने बताया कि पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में सीएए लाने और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया था.

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“भाजपा का एक स्पष्ट एजेंडा है और उस वादे के तहत, नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 में संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था. इसमें कोविड के कारण देरी हुई. भाजपा ने चुनाव में पार्टी को जनादेश मिलने से पहले ही अपना एजेंडा साफ कर दिया था.”

“नियम अब औपचारिकता बन गए हैं. समय अथवा राजनीतिक लाभ या हानि का कोई सवाल नहीं है. अब, विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति करके अपने वोट बैंक को मजबूत करना चाहता है. मैं उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि वे बेनकाब हो गए हैं. सीएए कानून पूरे देश के लिए है, और मैंने चार साल में लगभग 41 बार दोहराया है कि यह वास्तविकता बनेगी.”