नई दिल्ली. खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की तलाश में पंजाब पुलिस एक ओर जहां पूरे प्रदेश में अलर्ट है, वहीं इस बीच खबर आ रही है कि अमृतपाल को उसके एक साथ पपलप्रीत सिंह के साथ आईएसबीटी बस अड्डे पर देखा गया है. सूत्रों की माने तो शुक्रवार को अमृतपाल साधु के भेष में नजर आया है. खुफिया सूचना मिलने के बाद दिल्ली और पंजाब पुलिस की टीमें दिल्ली और इसकी सीमाओं पर तलाशी अभियान चला रही हैं.

 यह भी रिपोर्ट आई थी कि अवतार सिंह खंडा ने ही अमृतपाल को भारत भेजने से पहले जार्जिया में आईएसआई के एजेंटों के साथ मुलाकात करवा कर उसे ट्रेनिंग दी थी कि उसे क्या करना है. अवतार सिंह खंडा और दलजीत सिंह कलसी ने योजनाबद्ध ढंग से अमृतपाल सिंह को वारिस पंजाब दे जत्थेबंदी का प्रमुख घोषित करवा दिया. 18 मार्च को काफिले से गायब होने के बाद अमृतपाल सिंह पपलप्रीत की ही ब्रेजा गाड़ी से फरार हुआ था.

उत्तराखंउ जाने की आशंका

वहीं दूसरी तरफ अमृतपाल के उत्तराखंड जाने की भी आशंका जताई जा रही है. उसकी तलाश में एसटीएफ को लगा दिया गया है. हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर की सीमाओं पर उत्तराखंड एसटीएफ और पुलिस ने सघन चेकिंग शुरू कर दी है. हर जिले की सोशल मीडिया निगरानी सेल को सुपर अलर्ट मोड पर रखा गया है. ताकि, सोशल मीडिया पर हो रही हलचल पर पैनी नजर रखी जा सके.

यूके की नागरिकता की मांग

सुरक्षा एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि अमृतपाल यूनाइटेड किंगडम (यूके) में शरण लेने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए उसने जालंधर के कुछ एजेंटों और समर्थकों के माध्यम से यूके की नागरिकता की मांग भी की है. इसके पीछे पपलप्रीत सिंह की भी भूमिका बताई जा रही है.

आखिर कौन हैं अमृतपाल सिंह संधू

अमृतसर की बाबा बकाला तहसील के जल्लूपुर खैरा गांव का रहने वाला अमृतपाल दुबई में ट्रक ड्राइवर था और 2021 में पंजाब लौटा. उसे दिल्ली लाल किला हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत के बाद उसे 2022 में वारिस पंजाब देश् संगठन का प्रमुख बनाया गया. अमृतपाल ने सिखों को आक्रामक बनाने के मकसद से उसने निहंग सिख के लिए प्रचार अभियान शुरू किया. सिखों का यह विशेष समूह योद्धाओं के रूप में माना जाता है.

खालिस्तान का समर्थन करने के चलते भारत सरकार ने अमृतपाल के सोशल मीडिया अकाउंट प्रतिबंधित कर रखे हैं. अमृतपाल सिंह 23 फरवरी 2023 को अमृतसर के अजनाला थाने पर अपने समर्थकों की भीड़ के साथ हमला करने के बाद पूरे देश में पहचाना जाने लगा.

खालिस्तान का समर्थन करने के चलते भारत सरकार ने अमृतपाल के सोशल मीडिया अकाउंट प्रतिबंधित कर रखे हैं. खालिस्तानी अमृतपाल इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह को भी धमकी दे चुका है.

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