अमृतसर. असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक और पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद अमृतपाल सिंह की नई पार्टी का आज ऐलान किया जाएगा। उनकी पार्टी का नाम अकाली दल (श्री आनंदपुर साहिब) रखा गया है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह श्री मुक्तसर साहिब के माघी मेले के दौरान पार्टी का आधिकारिक ऐलान करेंगे।

तरसेम सिंह पार्टी को पंथक पार्टी बताकर जनता के बीच प्रचार कर रहे हैं और “पंथ बचाओ, पंजाब बचाओ” रैली का आयोजन कर रहे हैं। माघी का त्योहार और माघी मेला सिख समुदाय के लिए धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दिन परंपरागत पार्टियां अपने एजेंडे को जनता के सामने प्रस्तुत करती हैं। राज्य भर से बड़ी संख्या में संगतें श्री मुक्तसर साहिब पहुंचती हैं।

पुलिस की सख्ती

सूत्रों के मुताबिक, पंजाब पुलिस अमृतपाल की पार्टी के ऐलान से पहले उनके पिता तरसेम सिंह और उनके करीबी लोगों को नजरबंद कर सकती है।

अमृतपाल : अकाली दल के लिए चुनौती

शिरोमणि अकाली दल (बादल) के लिए अमृतपाल सिंह की राजनीतिक पार्टी एक बड़ी चुनौती है। अकाली दल खुद को सबसे बड़ा पंथ समर्थक दल कहता है। लेकिन 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं और राम रहीम को माफी देने जैसे मुद्दों ने अकाली दल की साख को गिरा दिया है। इसके कारण पंथक वोट बैंक अकाली दल से दूर हो गया है।
वर्तमान में अकाली दल के पास सिर्फ एक सांसद, हरसिमरत कौर बादल हैं। दूसरी ओर, अमृतपाल सिंह और सरबजीत सिंह खालसा, जो खालिस्तान समर्थक हैं, स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर सांसद बने हैं। अकाली दल का बागी धड़ा भी पार्टी के खिलाफ खुलकर आवाज उठा रहा है।



वारिस पंजाब के मुखी हैं अमृतपाल सिंह

सांसद बनने से पहले अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का नेतृत्व कर रहे थे। इस संगठन की स्थापना पंजाबी अभिनेता संदीप सिंह उर्फ दीप सिद्धू ने सितंबर 2021 में की थी। दीप सिद्धू 26 जनवरी 2021 को लाल किले पर हुए उपद्रव के मामले में मुख्य आरोपी थे। इस संगठन का उद्देश्य युवाओं को सिखी के मार्ग पर लाना और पंजाब को जागरूक करना था।
दीप सिद्धू किसान आंदोलन का भी हिस्सा थे, जो तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में चल रहा था। 15 फरवरी 2022 को, दिल्ली से लौटते समय दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई। इसके बाद, अमृतपाल सिंह जब दुबई से भारत लौटे, तो उन्हें वारिस पंजाब दे का मुखी बनाया गया।