अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अधिकांश शहरों में अब बैटरी से चलने वाले साइकिल रिक्शा हैं. ताज सिटी में सर्वव्यापी ई-रिक्शा ने वायु प्रदूषण को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. सीएनजी से चलने वाले ऑटो के साथ-साथ बैटरी से चलने वाले ये रिक्शा आगरा में एक बड़ी राहत बनकर आए हैं. हाल ही में अधिग्रहीत इलेक्ट्रिक बसों से वायु प्रदूषण को कम होने की उम्मीद है.

इस बीच, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के फैकल्टी सदस्य, डॉ. मोहम्मद तारिक यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि मेस ट्रांजिट हब की भीड़-भाड़ वाली सड़कों में पहली और आखिरी मील कनेक्टिविटी के लिए स्मार्ट ई-रिक्शा हों. नागरिकों को सस्ती और स्वच्छ मोड की गतिशीलता प्रदान करने के लिए, उन्होंने पहले से ही एक नए आविष्कार का पेटेंट कराया है, जिसे पेटेंट कार्यालय, ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ में ‘एमपीपीटी तकनीक के साथ सौर पीवी द्वारा संचालित और इंटेलिजेंट पोजिशनिंग सिस्टम द्वारा नियंत्रित’ के रूप में पंजीकृत किया गया है.

डॉ. मोहम्मद तारिक ने कहा, “यह स्मार्ट ई-रिक्शा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित ‘ट्रैफिक कंजेशन एरिया अलर्ट’ और आईओटी-आधारित सेंसर का उपयोग करके इंटेलिजेंट पोजिशनिंग मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस होगा.” तारिक ने आशा व्यक्त की, “स्मार्ट ई-रिक्शा की उपस्थिति अंतत: कई अत्यधिक प्रदूषणकारी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को समाप्त कर देगी.”