जितेन्द्र सिन्हा, राजिम. गरियाबंद जिले के अतर्गत ग्राम पंचायत पाण्डुका के जनप्रतिनिधियों की मनमानी का मामला उजागर हुआ है. जहां सीआरपीएफ जवानों के लिए आरक्षित कैम्प की भूमि पर ही सरपंच ने निजी कम्पनी को डामर प्लांट लगाने का फरमान जारी कर दिया है.छुरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पांडुका में नियमों के विरुद्ध डामर प्लांट संचालित होने का खुलासा हुआ है.

दरअसल ग्राम पांडुका के थाना परिसर के पीछे सीआरपीएफ जवानों के कैंप के लिए भूमि आरक्षित की गई थी. लेकिन ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों ने मनमानी करते हुए एक ठेकेदार को तकरीबन 3 साल के लिए इस भूमि के उपयोग के लिए अनुमति दे दी है. जिस पर ठेकेदार द्वारा डामर प्लांट संचालित किया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा पंचायत ने ठेकेदार को एनओसी भी दे दिया है. जिसके बाद से ठेकेदार विगत एक साल से सीआरपीएफ के लिए आरक्षित भूमि पर डामर प्लांट संचालित करते आ रहा है.

हैरानी की बात है की इतनी बड़ी लापरवाही का खबर जिले के किसी भी आला अधिकारियों को नही है. ठेकेदार व पंचायत प्रतिनिधिओं की आपसी संलिप्तता के चलते अवैध कारोबार धडल्ले से जारी है.ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों ने पर्यावरण प्रदूषण होने को नजर अंदाज करते हुए बाकायदा अवैध डामर पलांट संचालित करने अनापति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है.

ग्रामीणों ने डामर प्लांट के लिए एनआसी जारी करने के एवज में ठेकेदार व पंचायत प्रतिनिधिओं के बीच मोटी रकम के लेनदेन किये जाने का आरोप लगाया है.

उर्मिला ध्रुव,सरपंच, ग्राम पंचायत, पांडुका

इस मामले की जानकारी लेने पर ग्राम पंचायत पांडुका के सरपंच उर्मिला ध्रुव ने कहा कि “डामर प्लांट ठेकेदार मनीष पवार का है. जिसे 3 साल के लिए एनओसी जारी किया गया है”.

बड़ी हैरानी की बात है की जब मामले का खुलासा लल्लूराम डॉट कॉम द्वारा किया गया. तो पंचायत में हड़कंप मच गया. आनन फानन में दस्तावेजों की जांच की गई तो पता चला कि पंचायत द्वारा जिस जमीन पर ठेकेदार को डामर प्लांट लगाने के लिए एनओसी जारी की गई है वह जमीन तो असल में सीआरपीएफ जवानों के लिए आरक्षित की गई थी. ऐसे में ठेकेदार को एनओसी जारी कर पंचयात ने मुश्किल मोल ले ली है.

अब मामले का खुलासा होने के बाद पंचायत और उसके जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार ठेकेदार पर प्लांट हटाने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है, लेकिन वावजूद इसके ठेकेदार जवानों के लिए आरक्षित इस जमीन से प्लांट हटाने का तैयार नहीं है.

इस नोटिस का ठेकेदार पर कोई असर नहीं हो रहा है. जिसके बाद अब सरपंच ने प्लांट के ठेकेदार के ​खिलाफ स्थानीय पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का मन बना लिया है. जिससे प्लांट को इस जमीन से हटाया जा सके.