बलौदाबाजार. कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन में जिले में गोधन न्याय योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है. एक ओर जहां  वनांचल क्षेत्र में गोठान बनाकर ग्रामीणों को लाभांवित करनें का प्रयास जारी है, वहीं दूसरी ओर जेल जैसे स्थानों में वर्मी कंपोस्ट उत्पादन कैदियों द्वारा किया जा रहा है. होली त्योहार को देखेते हुए होलिका दहन के लिए यथासंभव लकड़ी के जगह गौकाष्ठ का उपयोग करनें का निर्णय जिला प्रशासन की ओर से लिया गया है.

गौकाष्ठ का उपयोग से ना केवल पर्यावरण प्रदूषण से बचाव होगा, बल्कि महिला स्व.सहायता समूहों के सदस्यों को अतिरिक्त आमदनी प्राप्त होगी. इस पर बलौदाबाजार नगर पालिका अधिकारी राजेश्वरी पटेल ने कलेक्टर को जानकारी देतें हुए बताया कि, नगर पालिका परिषद बलौदाबाजार द्वारा 2 गोठानों का संचालन एसएलआरएम सेंटरों में किया जा रहा है. जहां, पर गोधन न्याय योजना अंतर्गत गोबर खरीदा जाता है. उक्त गोबर खरीदी का कार्य शनिदेव महिला स्व.सहायता समूह बलौदाबाजार के द्वारा किया जाता है. जहां पर ना केवल वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन किया जाता है. साथ ही यहां पर बड़े पैमाने में गौकाष्ठ का निर्माण भी किया जाता है.

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वहीं, समूह में कार्य करनें वाली सदस्य सुनीता साहू ने बताया कि, हमारे समूह में लगभग 59 महिला जुड़ी हुई हैं. हम सभी महिलाएं डोर टू डोर कचरा उठाने के साथ ही खरीदी किए गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट और गोकाष्ठ का निर्माण करते हैं. वर्तमान में हमारे समूह के पास लगभग 50 क्विंटल गौकाष्ठ उपलब्ध है. जिसे हम 8 रुपए प्रति किलो की दर से बेचते हैं. अभी तक हमारे समूह को 13 हजार रुपए के गौकाष्ठ का आर्डर मिल गया है, जिसमें नगर पालिक परिषद के पूर्व अध्यक्ष विक्रम पटेल ने 12 क्विटल का आर्डर हमें दिया है, जिसका मूल्य 9,600 रुपए है.

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इसके अतिरिक्त हमें स्थानीय नगरीय निकाय के द्वारा ही लगभग 15 क्विंटल का अतिरिक्त गौकाष्ठ बनाने का आर्डर मिल चुका है. जिसका उपयोग शहर के सभी प्रमुख चौक चौराहों में जलने वाले होलिका दहन में उपयोग किया जाएगा. साथ ही सुनीता साहू ने यह बी बताया कि, कोविड के दूसरे लहर के दौरान मृतक के अंतिम संस्कार में भी गोकाष्ठ का उपयोग बड़े पैमाने में किया गया है. हाल के दिनों में शीत लहर से बचाव के लिए अलाव के व्यवस्था के लिए गौकाष्ठ का उपयोग किया गया.