आकाश श्रीवास्तव, नीमच। मध्यप्रदेश के नीमच जिले की जावद उपजेल ने प्रदेश की जेलों में सुधार की दिशा में एक नई मिसाल कायम की है। यहां कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अभिनव पहल ‘नवधारा जेल वाणी’ (मिनी रेडियो स्टेशन) शुरू किया गया है, जिसका संचालन पूरी तरह से कैदियों द्वारा कैदियों के लिए ही किया जा रहा है। उप-जेल स्तर पर यह प्रदेश का पहला नवाचार है। यह पहल कैदियों के लिए केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मसुधार, मानसिक शांति और आत्मविश्वास की नई राह बन गई है।

श्रीमद्भगवद्‌गीता के श्लोक प्रसारित किए जाते

जेलर डॉ. अंशुल गर्ग द्वारा जेल के बजट से किए गए इस नवाचार के तहत, रोजाना सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक सबसे पहले जेल की प्रार्थना होती है, जिसके पश्चात धार्मिक भजन, गीत और श्रीमद्भगवद्‌गीता के श्लोक प्रसारित किए जाते हैं, जो पूरे परिसर में आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं। रोजाना शाम के समय, 4:00 बजे से 6:00 बजे तक, कैदियों की फरमाइश ली जाती है, जहां वे लिखित रूप में अपनी पसंद के गीत बैरकों से भेजते हैं। इन गीतों को कंप्यूटर के माध्यम से यूट्यूब से चुना जाता है और जेल परिसर में लगे स्पीकरों पर बजाया जाता है, जिनमें भक्ति, प्रेरणादायक और पारिवारिक गीत शामिल होते हैं।

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ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें

इस दौरान लगभग 12 से 14 कैदियों की फरमाइश पूरी की जाती है। सबसे खास बात यह है कि कैदी ही आरजे बनकर सुबह-शाम रेडियो स्टेशन को ऑपरेट करते हैं, जिससे उनमें अनुशासन और जीवन के प्रति नई सकारात्मक दृष्टि विकसित हो रही है। इस साउंड सिस्टम का उपयोग कैदियों को कोई सूचना देने या बुलाने के लिए भी किया जाता है और रेडियो स्टेशन के साथ ही जेल में नर्सरी, जैविक खाद निर्माण, और टाइपिंग ट्रेनिंग भी कैदियों को दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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