अंकुर तिवारी,कोंडागांव. जिले में माओवादियों ने एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बेरहमी से गला घोंटकर हत्या कर दी है. घटना मर्दापाल थाना क्षेत्र के छोटेउसुरी पंचायत के कोहकड़ी गांव की है, बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पहले सोमवार के दिन माओवादियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता की गला दबाकर हत्या कर दी है. 20 साल की सरीता की अभी शादी भी नहीं हुई थी और वह अपने गांव के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई-लिखाई करना सिखाया करती थी.
कोंडागांव के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने बताया कि माओवादियों ने पुलिस का मुखबिर बता कर सरिता की हत्या कर दी है. माओवादियों ने सरिता पर पुलिस को सहयोग करने का आरोप लगाया और उसके भाई रमेश के सामने ही सरिता की गला दबाकर हत्या कर दी. अपनी बहन की जान बचाने के लिए उसके भाई ने बीच-बचाव करने की कोशिश की. जिसकी माओवादियों ने जमकर पिटाई कर दी.
एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता का भाई रमेश खुद भी माओवादी रहा है और नक्सली अपराध में तीन साल जेल की हवा खा चुका है. उन्होंने कहा कि सरिता के मोबाइल फोन में छत्तीसगढ़ पुलिस का कॉलर ट्यून था, इस बात से भी माओवादी संगठन नाराज था.
गांव वालों ने पुलिस को बताया कि माओवादियों को संदेह था, कि सरिता आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को नक्सलियों के खिलाफ भड़काती थी. इसी आशंका के चलते माओवादियों ने युवती की गला दबाकर हत्या कर दी.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरिता के हत्या की इस घटना को माओवादी संगठन के क्रूरता के ज़रिए लोगों के बीच दहशत फैला कर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. इसके पहले भी बस्तर के गांवों में लोगों के अपहरण करने और धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या करने जैसी वारदात को माओवादी अंजाम देते रहें हैं.
फिलहाल नक्सलियों की क्रूरता की शिकार सरिता के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. माओवादियों ने सरिता को मारने से पहले कोई चेतावनी भी नहीं दी थी, जबकि माओवादी संगठन लोगों को जनअदालत में चेतावनी देता रहा है. पुलिस के अनुसार सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण नक्सली बौखलाये हुए है.