रायपुर. अंगारकी चतुर्थी की माहात्म्य कथा गणेश पुराण के उपासना खंड के 60वें अध्याय में वर्णित है. अंगारकी चतुर्थी व्रत को जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए बहुत लाभदायी माना गया है. पौराणिक मान्यता है कि मंगल भगवान शिव से उत्पन्न हुए. कहीं खून तो कहीं आंसू और कुछ ग्रंथों में शिव के तेज से मंगल की उत्पत्ति मानी जाती है. यह भी माना जाता है कि शिव की कृपा से ही मंगल ग्रह के रूप में आकाश में स्थित हुआ.

इस व्रत में गणेशजी को सबसे पहले याद किया जाता है. इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि अंगारकी चतुर्थी का व्रत करने से पूरे सालभर के चतुर्थी व्रत का फल मिलता है. घर-परिवार की सुख-शांति, समृद्धि, प्रगति, चिंता व रोग निवारण के लिए मंगलवार के दिन आने वाली चतुर्थी का व्रत किया जाता है. इस संबंध में पौराणिक जानकारी के अनुसार भगवान गणेश ने अंगारक (मंगलदेव) की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान देकर कहा था कि अत: इस दिन श्री गणेश के साथ-साथ मंगल देवता का पूजन करना विशेष तौर पर लाभदायी होता है.

अंगारकी चतुर्थी की पूजन विधि –

  • सबसे पहले स्वयं शुद्ध होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें.
  • पूर्व की तरफ मुंह कर आसन पर बैठें.
  • ॐ गं गणपतये नम: के साथ गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करें. गणेशजी का ध्यान करें.’ यदि पूजा में कोई विशिष्‍ट उपलब्धि की आशा हो तो लाल वस्त्र एवं लाल चंदन का प्रयोग करें.
  • पूजा सिर्फ मन की शांति और संतान की प्रगति के लिए हो, तो सफेद या पीले वस्त्र धारण करें. सफेद चंदन का प्रयोग करें.
  • फिर गणेशजी के 12 नामों का पाठ करें.

गणपति पूजन में रखें ये सावधानियां.

  • गणेश को पवित्र फूल ही चढ़ाया जाना चाहिए.
  • गणेशजी को तुलसी पत्र नहीं चढ़ाया जाता है.
  • दूर्वा से गणेश देवता पर जल चढ़ाना पाप माना जाता है.
  • जो फूल बासी हो, अधखिला हो, कीड़े युक्त हो वह गणेशजी को कतई न चढ़ाएं.

पद्मपुराण के अनुसार इस दिन मंगल देवता के नामों का पाठ करने वाले व्रती को कर्ज से छुटकारा मिल जाता है. ज्योतिष में मंगल को हर विपरीत स्थितियों और कठिन समय से जूझने की ताकत देने वाला ग्रह माना जाता है. इस प्रकार यदि कोई व्यक्ति प्रायः कर्ज लेकर उससे मुक्ति हेतु परेशान हो तथा कर्ज चुकने का ही नाम ना लें, कर्ज से अपनी प्रतिष्ठा, सुखशांति समाप्त होने लगे तो कर्ज मुक्ति हेतु ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए.

मंगल की शांति के लिए नियम यह है कि पूरे दिन व्रत रखकर शाम के समय भगवान शिव एवं हनुमान जी की पूजा करें. मंगलवार के दिन संध्या के समय हनुमान चालीसा के पाठ का भी कई गुणा लाभ मिलता है. मंगल दोष के प्रभाव को कम करने के लिए इस दिन मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़, तांबा का दान करना उत्तम फलदायी होता है. ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि का वास होता है.