लंदन। कंबोडिया का अंगकोर वाट इटली के पोम्पेई को पछाड़कर दुनिया का आठवां अजूबा बन गया है. यह मान्यता एक अनौपचारिक मान्यता है, जो उल्लेखनीय नई संरचनाओं, परियोजनाओं या डिज़ाइनों को प्रदान किया जाता है.

बात करें अंगकोर वाट की तो यह कंबोडिया के सिएम रीप में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर परिसर है. इसे राजा सूर्यवर्मन II ने 12वीं शताब्दी के दौरान 30 वर्षों की अवधि में बनवाया था. यह मंदिर मूल रूप से हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित था, लेकिन बाद में यह एक बौद्ध मंदिर में बदल गया. अंगकोर वाट संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है. इसे 1992 में विश्व विरासत लिस्ट में शामिल किया गया था.

अंगकोर वाट अपने वास्तुशिल्प डिजाइन और जटिल बेस-रिलीफ के लिए जाना जाता है. अंगकोर वाट खमेर मंदिर वास्तुकला की दो बुनियादी योजनाओं: मंदिर-पर्वत और बाद में गैलरी वाले मंदिर को जोड़ती है. बाहरी दीवार 3.6 किलोमीटर (2.2 मील) लंबी है, जो हिंदू महाकाव्यों, दैनिक जीवन के दृश्यों और दिव्य प्राणियों को चित्रित करने वाली जटिल नक्काशी से तैयार की गई है. मंदिर के केंद्र में मीनारों का एक पंचवृक्षी है. मंदिर अंगकोर पुरातत्व पार्क का हिस्सा है जो लगभग 400 वर्ग km तक फैला हुआ है.

दुनिया के सात अजूबे

आधुनिक दुनिया के सात अजूबों की घोषणा न्यू 7 वंडर्स फाउंडेशन द्वारा की गई है. साइटों का चयन इसकी वेबसाइट पर की गई वैश्विक वोटिंग के आधार पर किया जाएगा. यह 2001 में स्थापित एक निजी संगठन है, जो दुनिया भर में स्मारक संरक्षण और पुनर्निर्माण से संबंधित अच्छे कार्यों में निवेश करने के लिए समर्पित है.

क्रम संख्याअजूबादेश
1ताज महलआगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
2क्राइस्ट द रिडीमर स्टेचूरियो डी जनेरो, ब्राज़ील
3कोलोसियमरोम, इटली
4चिचेन इत्जायुकाटन, मेक्सिको
5ग्रेट वाल ऑफ़ चाइनाबीजिंग, चाइना
6माचू पिचूकुस्को, पेरू
7पेट्राअकाबा, जॉर्डन