अतीश दीपंकर/भागलपुर: भागलपुर नगर निगम में कार्यरत महिला ई-रिक्शा ड्राइवरों ने वेतन में हो रही कटौती और देरी को लेकर निगम कार्यालय में हंगामा किया. दर्जनों महिला चालक जीविका स्वयं सहायता समूह के तहत घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने का काम करती हैं. महिलाओं ने आरोप लगाया कि छह-छह महीने तक वेतन नहीं दिया जाता और जब भुगतान होता है, तो उसमें मनमानी कटौती कर दी जाती है.

सिटी मैनेजर से की शिकायत

महिला चालक प्रीति देवी ने बताया कि नगर निगम के सिटी मैनेजर से जब इस बाबत शिकायत की जाती है, तो वे धमकी भरे लहजे में कहते हैं कि काम करना है, तो करो, नहीं तो चाबी सौंपो और घर जाओ. महिलाओं का कहना है कि निगम के पास उपलब्ध एक पत्र में साफ उल्लेख है कि उनका वेतन 12,120 रुपये प्रति माह तय है, लेकिन सिटी मैनेजर और नगर आयुक्त की मिली भगत से मात्र 5,200 रुपये ही दिए जाते हैं.

काम छोड़कर करेंगी आंदोलन 

महिला चालकों ने कहा कि वेतन समय पर न मिलने के कारण उन्हें कर्ज लेकर घर चलाना पड़ता है. कई बार बच्चों की पढ़ाई और घर खर्च में भी दिक्कत आती है. वेतन कटौती और देर से भुगतान की वजह से मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. महिलाओं ने नगर निगम से मांग की कि वेतन में की जा रही कटौती तत्काल बंद हो और समय पर पूरा भुगतान किया जाए. महिलाओं ने चेतावनी दी कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे सामूहिक रूप से काम छोड़कर आंदोलन करेंगी.

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