रायपुर। माता-पिता के नहीं आने की वजह से सखी वन स्टाप सेंटर से नहीं छोड़े जाने पर अब अंजलि जैन ने अपने अधिवक्ता के जरिए से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है. इसमें हाईकोर्ट के आदेश में परिजनों के उपस्थित नहीं बल्कि सूचित किए जाने का उल्लेख करते हुए केंद्र से निकालने की बात कही है.

अंजलि जैन की वकील प्रियंका शुक्ला ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में बताया कि चीफ जस्टिस ऑफ छत्तीसगढ़ ने 15 नवंबर को अंजलि जैन पति आर्यन उर्फ इब्राहिम को अपनी मर्जी से किसी भी मनचाहे व्यक्ति व अपने अनुसार कही भी जाने का आदेश दिया था. इस हिसाब से अजंलि को सखी से निकालने की प्रक्रिया शुरू होने के 24 घंटे के पहले अंजली के पिता अशोक जैन व अंजली के पति आर्यन उर्फ इब्राहिम को फोन व किसी भी माध्यम से दोनों पक्षों को सूचना मात्र दिया जाना था.

16 नवंबर को दोपहर लगभग 12 बजे फोन के द्वारा व शाम 5 बजे के लगभग ई-मेल के माध्यम से इब्राहिम व अशोक जैन दोनों को सूचना देते हुए 17 नवंबर को दोपहर 1 बजे को आने के लिए कहा गया था. अंजलि के पति आर्यन उपस्थित हो गए, और अजंलि ने लिखित में सक्षम अधिकारी को पति के साथ जाने की बात कही गई, लेकिन इसके बाद भी उन्हें नहीं जाने दिया गया.

अंजलि को यह कहते हुए अधिकारियों ने रोक दिया कि उनके पिता अशोक जैन उपस्थित नहीं हुए है, जबकि आदेश के हिसाब से दोनों पक्षों को मात्र किसी भी माध्यम से सूचना देना था, ना कि उपस्थित होने जैसी कोई बात कही गई है. अधिवक्ता ने अपने पक्षकार के अधिकारों की रक्षा की बात कहते हुए उसे सखी सेंटर से निकालने आदेश देने का आग्रह किया है.

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