अहमदनगर। जिन सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय परिदृश्य में आए थे, आज वहीं उनके विरोध में नजर आ रहे हैं. अन्ना हजारे ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को “उनके अपने कर्मों का फल’ बताया है. इसे भी पढ़ें : इसरो ने लॉन्च किया पुष्पक विमान, भारत के भविष्य का है रियूजेबल प्रक्षेपण यान…

अन्ना हजारे ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर में समाचार एजेंसी से चर्चा में कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि जो व्यक्ति कभी शराब के खिलाफ आवाज उठाता था, वह अब धन शोधन के लिए शराब नीतियां ला रहा है. उन्होंने कहा, “मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि अरविंद केजरीवाल, जो कभी मेरे साथ काम करते थे, शराब के खिलाफ आवाज उठाते थे, और अब शराब नीतियां बना रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी उनके अपने कर्मों के कारण हुई है…”

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अरविंद केजरीवाल कभी अन्ना हजारे के करीबी हुआ करते थे. 2011 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ अन्ना आंदोलन में शामिल हुए थे. इसके बाद 2012 में अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई और दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार उतरे थे. अन्ना आंदोलन में केजरीवाल के साथ रहे उनके साथ कुमार विश्वास, योगेंद्र यादव, किरण बेदी, आशुतोष, प्रशांत भूषण ने अलग राह पकड़ ली, वहीं मनीष सिसोदिया जैसे सहयोगी आज जेल में कैद हैं.

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पहली बार हुई मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को गुरुवार रात गिरफ्तार किया था, और बाद में उन्हें एजेंसी के मुख्यालय ले जाया गया जहां उन्होंने रात बिताई. यह किसी मौजूदा मुख्यमंत्री की पहली गिरफ्तारी है, जो दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा एजेंसी द्वारा किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से आप के राष्ट्रीय संयोजक को सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद हुई.