सरगुजा। अंबिकापुर के युवाओं ने बेसहारों के लिए मिसाल पेश करते हुए मानवता की अनूठी मिसाल कायम की है. समाजसेवी संस्था ने एक बुजुर्ग जिसकी आर्थिक तंगी से जूझते हुए इलाज के दौरान मौत हो गई, उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया.


जानकारी के अनुसार, मृतक रामलाल बैंड-बाजा बजाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. लेकिन आधुनिक दौर में बैंड पार्टियों की जगह डीजे के प्रचलन ने उसकी रोज़ी-रोटी छीन ली, जिससे वह आर्थिक रूप से कमजोर हो गया. इसी बीच सड़क दुर्घटना में घायल होने के बाद वह इलाज तक नहीं करा सका.

ऐसे समय में अनोखी सोच संस्थान ने उसकी मदद का जिम्मा उठाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद संस्थान के सदस्यों ने मृतक के घर से शव यात्रा निकाली और शंकर घाट मुक्तिधाम में विधिवत अंतिम संस्कार किया.
बता दें कि अनोखी सोच संस्थान अंबिकापुर में लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय है. संस्था गरीब लड़कियों की शादी से लेकर अंतिम संस्कार तक में सहयोग करती है और जरूरतमंदों के लिए हर समय तैयार रहती है.