पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. किडनी पीड़ित पूरनधर पुरैना की आज तड़के सुबह मौत हो गई. इस तरह एक और मौत से मौतों का आंकड़ा बढ़कर 70 पहुंच गया है.

जानकारी के मुताबिक पिछले तीन साल से गांवों में किडनी की बीमारी से मौत हो रही है. शासन-प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी रोकथाम नहीं कर पाई. अभी भी गांव में 200 से ज्यादा किडनी के मरीज मौजूद है. ग्रामीण मुकमल इलाज की लगातार मांग उठा रहे है.

अधिकारियों द्वारा दी गई अब तक की रिपोर्ट में दुषित पानी को किडनी की बीमारी का कारण बताया गया है. गांव के पानी में हैवी मेटल होने के कारण किडनी की बीमारी फैलने की आशंका सरकार ने जता चुकी है. शासन ने पास के निष्ठीगुडा गांव से शुद्धपेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये थे. मगर जिला प्रशासन ने केवल कागजों में खानापूर्ति करके अपनी जिम्मेदारी पूरी की. आज भी सुपेबेड़ा के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर है. आज तक इनका इलाज अच्छे से इलाज नहीं हो सका है.

भूपेश बघेल के सीएम बनते ही किडनी पीड़ित सुपेबेड़ा ग्राम के ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे. पीड़ित परिवार मिलकर उनको हरसंभव मदद की पेशकश की थी. डॉक्टरों की टीम भी इलाज करने गई, लेकिन कोई ठोस इलाज अब तक नहीं पाई. सरकार के भी सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि अब एक बार फिर किडनी की बीमारी से एक व्यक्ति की मौत हो गई.