विनोद दुबे, रायपुर। रायपुर केन्द्रीय जेल की पूर्व सहायक जेल अधीक्षक वर्षा डोंगरे के बाद एक और सहायक जेल अधीक्षक के ऊपर निलंबन की गाज गिरी है। सरकार ने बलौदाबाजार के सहायक जेल अधीक्षक दिनेश ध्रुव को सोशल मीडिया में नक्सली समर्थक पोस्ट करने के आरोप में निलंबित कर दिया है।

सरकार ने दिनेश के ऊपर यह कार्रवाई तकरीबन सप्ताह भर पहले की है। दिनेश ध्रुव ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट डाला था। जिसे लेकर उन पर आरोप है कि उनका पोस्ट नक्सलियों के समर्थन में लिखा गया था। वहीं लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में दिनेश ध्रुव ने कहा है कि मैंने ‘हर आदिवासी नक्सली नहीं होता’ के नाम से आदिवासियों के समर्थन में फेसबुक में एक पोस्ट डाला था, जिसे सरकार ने नक्सली समर्थक मान लिया और मुझे निलंबित कर दिया। हालांकि दिनेश ध्रुव ने बाद में अपने उस पोस्ट को फेसबुक से हटा लिया है।

दिनेश का कहना है कि उन पर यह कार्रवाई पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर की गई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्षा डोंगरे के उस पोस्ट को लाईक किया था जिसमें उसने बस्तर में आदिवासियों के ऊपर पुलिसिया अत्याचार को लेकर लिखा था। इसी वजह से शायद सरकार ने उन पर कार्रवाई की होगी इसके अलावा उन्होंने प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने सरकार को प्रमोशन के लिए आर्डर किया था। इसकी वजह से ही उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि अपने निलंबन के खिलाफ वे फिलहाल कोर्ट जाने से इंकार कर रहे हैं उनका कहना है कि उन्हें अभी सरकार की ओर से आरोप पत्र नहीं मिला है। आरोप पत्र मिलने पर पहले उसका जवाब देंगे फिर उसके बाद ही कोई फैसला करेंगे।

 

वर्षा डोंगरे ने दिनेश ध्रुव को निलंबित किए जाने पर एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोला है। वर्षा ने सरकार पर मनुवादी सोच का आरोप लगाया है।

वर्षा ने अपने फेसबुक पर क्या-क्या लिखा है पढ़ें-

अनुसूचित जनजाति आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग पर हावी होता मनुवाद का एक और दंश…

एक और निर्दोष सहायक जेल अधीक्षक श्री दिनेश ध्रुव भैया को आदिवासी अत्याचार व अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के अपराध में निलंबित कर दिया गया है। जिस तरह से ST, SC, OBC के ईमानदार लोक सेवकों को चुन चुनकर, संवैधानिक प्रावधानों को ताक में रखकर दण्डित किया जा रहा है और अन्य को पुरुस्कार। इससे साफ पता चलता है कि मनुवाद रूपी बीमारी का जड़ से ईलाज के लिए उठा कलम रुपी औषधि से दीकू कितने डरे हुए हैं। सभी उत्सव मनाईए कि डरे हुए कमजोर जालिम लोगों के खिलाफ मुट्ठी भर शेरदिल आदिवासियों मूलनिवासियों का उलगुलान जबरदस्त रंग ला रहा है। अन्याय के खिलाफ इस जंग में हम सब हमेशा साथ है।

जय भारतवर्ष जय संविधान जय जोहार