हरिओम श्रीवास, मस्तूरी। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियां थमने का नाम नहीं ले रही है। तीन साल पहले 18 महिलाओं की नसबंदी से हुई मौत की यादें अभी धुंधलाई भी नहीं थी कि एक बार फिर बिलासपुर जिले से दिल दहला देने वाली खबर आ रही है। आधा दर्जन से ज्यादा महिलाओं की नसबंदी के ऑपरेशन के बाद इन्फेक्शन फैल गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि घटना सामने आने के बाद भी डाक्टरों की लापरवाही थमी नहीं, महिलाओं का चेकअप करने पहुंची टीम ने मोबाइल की रोशनी में महिलाओं का चेकअप किया।
मामला मस्तूरी इलाके का है यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 15 दिन पहले नसबंदी शिविर लगाया गया। शिविर में कोनी गांव की  7 और लावर गांव की 5 महिलाओं का नसबंदी का ऑपरेशन हुआ था। कुछ दिन बाद कोनी गांव की सभी सातों महिलाओं और लावर गांव की 1 महिला को इन्फेक्शन हो गया। आपरेशन वाली जगह में दर्द उठने पर महिलाओं ने वापस दिखाया। इन्फेक्शन की वजह से उनके टांके खुलने लगे थे और उनसे मवाद बहने लगा था।
दुबारा लगाया टांका
टांके खुलने के बाद दुबारा उन्हें टांका लगाया गया। बावजूद इसके महिलाओं की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है। बताया जा रहा है कि इन महिलाओं का ऑपरेशन डॉ शीला शाह के द्वारा किया गया था।
मोबाइल के लाइट में चेकअप
महिलाओं में इन्फेक्शन फैलने की खबर से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग की टीम गुरुवार की रात को कोनी गांव पहुंची। जहां महिलाओं के घर जा कर डॉक्टरों ने उनका चेकअप किया। लेकिन लापरवाही की हद यह थी कि टीम बगैर किसी तैयारी के गांव पहुंची थी। मोबाइल के टार्च की रोशनी में महिलाओं का डाक्टरों ने चेकअप किया।
देखिए वीडियो
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