Anta By Election 2025: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव का माहौल गर्म है। बीजेपी ने मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा है एक ऐसा नाम जो लंबे समय से संगठन में सक्रिय तो है, लेकिन हमेशा लो-प्रोफाइल में रहा। पार्टी ने उन्हें एक सामान्य कार्यकर्ता की छवि के साथ जनता के बीच उतारा है। मगर असली कहानी इसके पीछे के सर्वे और रणनीति की है, जिसे खुद प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने मीडिया से चर्चा में बताया।

मदन राठौड़ के मुताबिक, मोरपाल सुमन का चयन किसी व्यक्ति की पसंद नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक और संगठनात्मक प्रक्रिया का नतीजा है। उन्होंने कहा, हमने प्रत्येक बूथ पर सर्वे कराया। कार्यकर्ताओं से राय ली, केंद्रीय नेतृत्व ने भी अपना सर्वे कराया। सभी रिपोर्ट एक जैसी थीं सुमन जनता की पहली पसंद हैं। राठौड़ ने दावा किया कि अंता की जनता बीजेपी प्रत्याशी को पूरा समर्थन देगी और परिणाम बीजेपी के पक्ष में आएंगे।

राठौड़ के इस बयान से साफ है कि पार्टी इस उपचुनाव में ग्राउंड-लेवल लीडरशिप और डेटा-आधारित राजनीति दोनों पर दांव लगा रही है। बीजेपी चाहती है कि उम्मीदवार ऐसा हो जो स्थानीय हो, साफ-सुथरी छवि रखता हो और जनता से सीधा जुड़ाव रखता हो मोरपाल सुमन इन सभी पैमानों पर खरे उतरते हैं।

54 वर्षीय मोरपाल सुमन लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहे हैं और संगठन के भीतर विभिन्न दायित्व निभा चुके हैं। उनकी साफ छवि और सामान्य परिवार से आने वाली पृष्ठभूमि ने उन्हें पार्टी के वैचारिक आधार पर और मजबूत बनाया है। सुमन फिलहाल बारां के प्रधान हैं, जबकि उनकी पत्नी नटी बाई सरपंच हैं यह स्थानीय स्तर पर उनकी जमीनी पकड़ को दिखाता है।

हालांकि अंता का मुकाबला इस बार त्रिकोणीय है। कांग्रेस ने पूर्व विधायक प्रमोद जैन भाया को टिकट दिया है, जबकि नरेश मीणा निर्दलीय उतरकर दोनों दलों के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी का यह सर्वे-आधारित आत्मविश्वास कितना सही साबित होता है, यह नतीजों से पहले तय नहीं कहा जा सकता। लेकिन एक बात साफ है बीजेपी इस बार हर बूथ, हर जातीय समीकरण और हर स्थानीय संकेत पर बारीकी से नजर रखे हुए है।

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