बिलासपुर. बिलासपुर हाईकोर्ट ने अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर दायर याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो गई है. इस याचिका की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट में हो रही थी. कोर्ट ने पंकज महावर को पक्षकार या गवाह बनाने के आवेदन को अस्वीकार कर दिया है.
2014 के अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर रिपब्लिक पार्टी के तात्कालीन उम्मीदवार रुपधर पुडो ने चुनावी याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने कहा था कि अंतागढ़ उपचुनाव में भारी गड़बड़ी हुई है. लेकिन वे कोर्ट में ज़रुरी दस्तावेज़ और गवाह पेश नहीं कर सके. इसे देखते हुए कांग्रेस से जुड़े पंकज महावर ने खुद को पक्षकार या गवाह बनाए जाने की मांग करते हुए 15 नवंबर को आवेदन लगाया.
जिसमें उन्होंने हरियाणा- पंजाब हाईकोर्ट के 2002 के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल वर्सेस गुरमेस विश्नोई के उस फैसले का हवाला दिया था. जिसमें कोर्ट ने एक तीसरे व्यक्ति को पक्षकार बना लिया था क्योंकि बिश्नोई की मामले में दिलचस्पी कम हो गई थी.
पंकज महावर कांग्रेस से जुड़े हैं उनका कहना है कि 2014 के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव से नाम वापिस लेने के बाद सभी प्रत्याशियों को इनके घर लाया गया था लेकिन पुलिस उन्हें अपने साथ ले गए और बाद में सबने नाम वापिस ले लिया.इसके बाद रुपधर पुडो ने हाईकोर्ट में चुनावी याचिका लगाई. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर के दूसरे हफ्ते में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को निर्देश दिए हैं कि वो अंतागढ़ चुनाव में आरपीआई के प्रत्याशी रुपधर पुड़ो की याचिका पर चार महीने में सुनवाई पूरी करे. इसके बाद उस निर्णय के प्रकाश में सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश अंतागढ़ सीडीकांड पर दाखिल याचिका पर दिया था. इस मामले के हाईकोर्ट में फैसले के बाद अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.