बिलासपुर. अंतागढ़ उपचुनाव को लेकर रिपब्लिक पार्टी के तात्कालीन उम्मीदवार रुपधर पुडो की चुनावी याचिका में कांग्रेस से जुड़े पंकज महावर ने खुद को पक्षकार या गवाह बनाए जाने की मांग करते हुए आवेदन लगाया है. सीपीसी 1908 – 152 आर्डर 1 रुल 10 (2) के तहत उन्होंने ये आवेदन अपनी वकील हिमांशु शर्मा के ज़रिए लगाया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी कर रहे हैं. सुनवाई अंतिम चरण में अंतिम चरण में है. कोर्ट ने इस आवेदन की स्वीकार्यता पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

वकील हिमांशु शर्मा ने बताया कि उन्होंने हरियाणा- पंजाब हाईकोर्ट के 2002 के हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल वर्सेस गुरमेस विश्नोई के केस का हवाल दिया. जिसमें कोर्ट ने एक तीसरे व्यक्ति को पक्षकार बना लिया था क्योंकि बिश्नोई की मामले में दिलचस्पी कम हो गई थी.

हाईकोर्ट में महावर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भोजराज नाग के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले एकमात्र प्रत्याशी रुपधर पुडो इस मामले में ना तो गवाह पेश कर रहे हैं ना ही दस्तावेज़. इसलिए उनके मुवक्किल कोर्ट के प्रकाश में कुछ बातें लाना चाहते हैं. पंकज महावर कांग्रेस से जुड़े हैं उनका कहना है कि 2014 के उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव से नाम वापिस लेने के बाद सभी प्रत्याशियों को इनके घर लाया गया था लेकिन पुलिस उन्हें अपने साथ ले गए और बाद में सबने नाम वापिस ले लिया.इसके बाद रुपधर पुडो ने हाईकोर्ट में चुनावी याचिका लगाई. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने को कहा है.

महावर के वकील शर्मा ने बताया कि उन्होंने आवेदन में पुडो की याचिका पर ऑर्डर शीट का हवाला दिया. खासतौर पर 31 अगस्त 2015, 4 अगस्त 2017 और 30 अगस्त 2017 की ऑर्डर शीट में बार बार मौका देने के बाद भी पुडो ने ना तो गवाह पेश किए ना ही दस्तावेज़. महावर की ओर से अंतागढ़ टेप का ऑडियो पेन ड्राइव में पेश किया गया. इस ऑडियो के साथ उस बैंगलुरु की एक लैब की रिपोर्ट भी पेश की गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतागढ़ टेप से किसी किस्म की छेड़छाड़ नहीं हुई है.