चंडीगढ़ : पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के खिलाफ कानून को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इसे विधानसभा में चर्चा के लिए पेश किया गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रस्तुत इस बिल का नाम ‘द पंजाब प्रीवेंशन ऑफ ऑफेंसेज अगेंस्ट होली स्क्रिपचर (स) एक्ट, 2025’ रखा गया है, जिसे पवित्र ग्रंथों के खिलाफ बेअदबी बिल के रूप में जाना जा रहा है।


कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस बिल पर चर्चा के लिए समय की मांग की है। बाजवा ने कहा कि सदस्यों को बिल पढ़ने के लिए समय दिया जाना चाहिए, ताकि उसके बाद ही इस पर चर्चा हो सके। इस पर विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधावा ने सत्र को मंगलवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कांग्रेस नेता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को बेअदबी बिल के लिए समय चाहिए, इससे आप उनकी स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं। पहले से ही पत्रकारों द्वारा बताया जा रहा था कि यह बिल इस सत्र में पेश होगा, लेकिन कांग्रेस ने इसकी तैयारी नहीं की।” उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह बिल बिना किसी विरोध के पारित हो जाएगा।


चर्चा के बाद इस बिल को चयन समिति के पास भेजा जाएगा, जो धार्मिक संगठनों, धार्मिक नेताओं और आम लोगों से इस मुद्दे पर राय लेगी।