कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में पुतला दहन के दौरान पुलिसकर्मी से गाली-गलौज और धक्का मुक्की मामले में कोर्ट ने बीजेपी नेता नेता सौरभ सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए आवेदक/अभियुक्त को अग्रिम जमानत की सुविधा दिया जाना उचित नहीं है.

दरअसल, कबीरधाम जिले के कवर्धा थाने में आरोपी सौरभ सिंह के खिलाफ अपराध क्र० 906/2022 अन्तर्गत धारा 294, 353, 332 भा०द०सं० एवं धारा 3 (1) (द)(ध) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम के तहत केस दर्ज है.

इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. लम्बित आवेदन पत्र अन्तर्गत धारा 438 द०प्र०सं० पर तर्क सुना गया. थाना कवर्धा, जिला कबीरधाम के अपराध क्र० 906/2022 अन्तर्गत धारा 294, 353, 332 भा०द०सं० एवं धारा 3 (1) (द) (ध) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम शासन विरूद्ध सौरभ सिंह की केस डायरी का अवलोकन किया गया.

दर्ज अपराध के मुताबिक 06.12.2022 को दिन में सिग्नल चौक कवर्धा में प्रार्थी प्रधान आरक्षक की पुतला दहन ड्यूटी लगी थी. पुतला दहन के दौरान प्रार्थी ने बॉटल से पानी डालने का प्रयास किया था, तब पुतला दहन कर रहे आवेदक/अभियुक्त ने प्रार्थी को अश्लील गालियां देकर झूमा झटकी कर धक्का देकर शासकीय कार्य में व्यवधान उत्पन्न किया था. प्रार्थी अनुसूचित जाति संवर्ग से है.

तत्सम्बंध में प्रार्थी ने लिखित शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज कराई है. प्रश्नाधीन अपराध से आवेदक/अभियुक्त की संलिप्तता स्पष्ट है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम की धारा 18 के अनुसार उक्त अधिनियम के अधीन अपराध करने के अभियोग पर किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के मामले में धारा 438 द०प्र०सं० लागू नहीं होगी.

ऐसी स्थिति में आवेदक/अभियुक्त को अग्रिम जमानत की सुविधा नहीं दी जा सकती है. फलतः प्रकरण के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए आवेदक/अभियुक्त को अग्रिम जमानत की सुविधा दिया जाना उचित नहीं है. न्यायहित में प्रस्तुत जमानत आवेदन पत्र अन्तर्गत धारा 438 द०प्र०सं० निरस्त किया जाता है.

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