न्यामुद्दीन अली,अनूपपुर। देश के भविष्य कहे जाने वाले नौनिहालों की जान 21वीं सदी के भारत में भी सुरक्षित नहीं है. जिसकी एक बानगी मप्र के अनूपपुर जिले में देखने को मिली. यह तस्वीर सरकारों के विकास के दावों की पोल खोल रही है. यह तस्वीर पूरे सिस्टम पर तमाचा है. ग्राम पंचायत कैल्होरी के चचाई के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने के लिए 5 से 10 गांव के बच्चे आते हैं. लेकिन उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे स्कूल तक पहुंचना पड़ता है. जिससे किसी भी वक्त हादसा हो सकता है. लेकिन सिस्टम को यह दिखाई नहीं देता है.

दरअसल जिला मुख्यालय से महज कुछ ही दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कैल्होरी के चचाई में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल है, जहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए बकेली, पोड़ी, कोदयली, खाडा, मानपुर सहित अन्य गांव के बच्चे आते हैं. जिन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर रोजाना 20 रुपए किराया देकर सोन नदी से नाव में बैठकर चचाई आना पड़ता है. जिस नाव में बच्चे बैठकर पढ़ाई के लिए नदी पार करते हैं, उस नाव की नैय्या नौसिखिया नाबालिग बच्चे पार लगाते हैं.

इस दौरान हर पल बच्चों को इस बात का डर बना रहता है कि कहीं नाव नदी पलट न जाए. जिससे उनके जान को खतरा हो. हैरत की बात यह भी है कि इस खतरे भरे राह से जाने के दौरान बच्चों को स्कूल पहुंचने में लेट हो जाता है. जिसके चलते स्कूल का मेन गेट बंद हो जाता है. जिससे कई बार उन्हें बिना शिक्षा ग्रहण किए ही वापस लौटना पड़ता है.

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शासन करोड़ों रुपए खर्च कर कई वर्षों से एक पुल का निर्माण कर रहा है, लेकिन आज तक पुल निर्माणाधीन है. जिससे आज भी बच्चों को जान जोखिम में डालकर पढ़ने पहुंचने पड़ता है. जिम्मेदार कुम्भकर्णी नींद सो रहे है. किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं. 

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इस मामले में जब एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी से बात की गई, तो उनका कहना था आप के माध्यम से हमें जानकारी लगी है. बहुत ही गंभीर मामला है. हम तत्काल ही मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे. बच्चों के लिए कोई सुरक्षित व्यवस्था की जाएगी. जिससे वह सुरक्षित समय पर स्कूल पहुंच सके.

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