Paush Month: रायपुर. हिंदू धर्म में पौष माह का विशेष महत्व है. इन दिनों में किए गए कुछ विशेष उपाय पितरों की आत्मा को शांति दिलाते हैं. पौष माह में कई धार्मिक उपायों का जिक्र किया गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदू कैलेंडर के मुताबिक 10 वां महीना पौष का होता है.
27 दिसंबर से इस माह की शुरुआत हुई है. बता दें कि 25 जनवरी 2024 तक पौष माह रहेगा. इस माह में सूर्य देव की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
पौष माह का महत्व (Paush Month)
हिंदू धर्म में पौष माह का विशेष महत्न है. इस पूरे मास भगवान सूर्य को अर्ध्य देने के बाद पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा इस महीने में पितरों का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करना भी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में सुख-शांति के साथ सौभाग्य आता है. इसके साथ ही समाज में मान-सम्मान की वृद्धि होती है.
सूर्य को दें अर्घ्य (Paush Month)
पितरों को प्रसन्न करने के लिए पौष का महीना बहुत खास होता है. पितरों की कृपा पाने और सूर्य देव को प्रसन्न करेन के लिए नियमित रूप से स्नान के बाद तांबे के पात्र में शुद्ध जल लें. जल में रोली, चावल, लाल रंग के फूल और गुड़ भी डाल सकते हैं. रविवार के दिन व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इससे समाज में प्रभाव बढ़ता है और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.
तांबे का दान करें (Paush Month)
पौष का महीना सूर्य देव को समर्पित होता है. ऐसे में इस माह में तांबे के दान का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य दोष खत्म होता है . सूर्य देव प्रसन्न होते हैं, और व्यक्ति को जीवन में कई कार्यों में सफलता मिलती है. इतना ही नहीं, इन दिनों में दान करने से कुंडली में शनि की स्थिति भी मजबूत होती है. बता दें कि गरीबों और जरूरमंदों का खाना खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.
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