दिल्ली. Apple अपनी बेहतरीन और कटिंग एज टेक्नालाजी के लिए जाना जाता है. चाहे एपल मैकबुक हो या फिर आईफोन या फिर एपल वाच. अपने कंपिटीटर्स से कंपनी टेक्नालाजी और इंजानियरिंग में बहुत आगे रहती है.
हम और आप अभी तक एपल की पहचान मोबाइल फोन या गैजेट बनाने वाली कंपनी के रुप में करते हैं लेकिन आपको शायद ही पता हो कि कंपनी ने बेहद खामोशी से कार भी बना डाली है. एपल की इस कार की खास बात है कि ये कार पूरी तरह ड्राइवरलेस यानि कि सेल्फ ड्रिवेन कार है.
कंपनी ने इस कार की टेस्ट ड्राइव और परीक्षण के लिए कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट आफ मोटर व्हीकल से परमिट भी हासिल कर लिया है. कंपनी ने इस कार प्रोजेक्ट को नाम दिया है प्रोजेक्ट टाइटन. कंपनी के सीईओ टिम कुक ने कहा कि ये कंपनी का सबसे मुश्किल प्रोजेक्ट है. बावजूद इसके कंपनी इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने में जुटी है.
कंपनी ने ड्राइवरलेस कार के लिए खास किस्म का साफ्टवेयर भी तैयार किया है. विशेष तरीके के मोशन सेंसर्स और कैमरा लगाए गए हैं. कंपनी का प्लान अपनी कार को सक्सेसफुली लांच करने के बाद दूसरी कंपनियों को भी ड्राइवरलेस तकनीक मुहैय्या कराने की है.
वैसे कंपनी को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब उसकी ड्राइवरलेस कार का एक्सीडेंट हो गया. दरअसल कंपनी ने मशहूर कार मेकर लेक्सस की आरएक्स 450 एच कार को बतौर ड्राइवरलेस कार के तौर पर टेस्ट करना शुरु किया लेकिन कार का एक्सीडेंट एक दूसरी कार से हो गया जिसे एक इंसान चला रहा था. कंपनी के लिए ये बड़ा झटका है लेकिन कंपनी अब इस एक्सीडेंट के बाद उस तकनीक पर काम करने में लगी है. जिसके बाद किसी किस्म के रोड एक्सीडेंट की संभावना न के बराबर रहे.
तो, आप भी अगर एपल गैजेट्स के दीवाने हैं तो आईफोन और मैकबुक की दुनिया से आगे निकलिए और एपल कार खरीदने का प्लान बनाइए. बाकी तो आपको पता ही है, एपल मतलब कटिंग एज टेक्नालाजी और क्वालिटी.