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गरियाबंद. नियम को ताक में रखकर किए गए तबादले से मैनपुर ब्लॉक की पढ़ाई व्यवस्था ठप हो गई है. दुरस्थ वन क्षेत्र में पदस्थ सहायक शिक्षक भी जुगाड़ के चलते मनचाहे जगह पर चले गए, उनकी भरपाई के लिए जिन्हें पदस्थ किया गया उनमें से ज्यादातर 3 महीने बाद भी स्कूल में जॉइन नहीं किया है.
सरकार की तबादला नीति लागू होते ही नियम कायदे को किनारे रख तबादला के नाम पर जमकर भर्राशाही किया गया. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा मैनपुर ब्लॉक को भुगतना पड़ा. जिले में कुल 144 सहायक शिक्षकों का तबादला हुआ. जिसमें अनुपात से ज्यादा सर्वाधिक मैनपुर ब्लॉक से कर दिया गया. यंहा लगभग 100 स्कूल ऐसे हैं जो दूरस्थ इलाके में जनजाति और आदिवासी बस्तियों में हैं. कुछ संवेदशील इलाके में है. ऐसे ही स्कूलो के 60 कर्मी बाहर निकलने में सफल हो गए. जबकि छुरा ब्लॉक से केवल 16 लोगों को मैनपुर भेजा गया था. इसमें से 9 ने अब भी जॉइनिंग नहीं ली है.
इन 9 शिक्षकों के अलावा मैनपुर, बजाड़ी, देहारगुड़ा, गोहरापदर, बनवापारा, सर्गिगुड़ा ,गुढ़ियारी, भालुकोना, शालेय भांठा, बोईरडीह समेत 30 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय हो गए. इस भर्राशाही से पालक और ग्रामीणों में जमकर आक्रोश है. ये मामला कलेक्टर की टाइमलाइन बैठक में उठा. तथ्यों को छुपाकर गड़बड़ी को शय देने वाले शिक्षा विभाग के कर्ता-धर्ता भी चुप्पी साधे बैठ गए हैं. ऐसे में अब कलेक्टर ने अनुशासनहीनता करने वाले शिक्षको को शो कॉज नोटिस थमाने को कहा है. कलेक्टर प्रभात मलिक ने कहा कि नोटिस तामीली के बाद भी शिक्षकों ने जॉइनिंग नहीं ली तो वे सीधे सस्पेंड होंगे.
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प्रसाशनिक अक्षमता या फिर वजह कुछ और ? इन तीन केस के जरिये समझिये-
केस 1
5 सितम्बर 2022 को जिला स्तरीय तबादले कि पहली सूची जारी हुई. जिसमें डीईओ द्वारा प्रस्तावित 65 लोगों के नाम थे. इन नामो में 20 शिक्षक पंचायत के नाम डाल उन्हें मनचाहे जगह पर पोस्टिंग दे दी गई थी. जबकि उन 20 लोगों का जिला स्तर के बजाए संभाग से तबादला होना था, ऐसे में गलती पकड़ कलेक्टर ने प्रस्तुतकर्ता अफसर को जमकर फटकार तो लगाया ही, सीथ ही आदेश को 09 सितम्बर को निरस्त कर दिया.
केस 2
तबादला की दूसरी सूची 10 सितम्बर को जारी हुई. इसमें तबादला उद्योग में सलग्न लोगों ने ऐसे नाम को भी सूची में डाल दिया जिसके तबादले के बाद स्कूल एक शिक्षकीय हो गया. यह तबादला नियम से परे था. ऐसे में अब दूसरी बार इन नामों को निरस्त कर फिर से विभाग ने नया ट्रिक का इस्तेमाल किया. एकल शिक्षकिय होने जा रहे स्कूलों के शिक्षकों के आदेश को निरस्त करने बीइओ को डीईओ ने मौखिक निर्देश दिया. चूंकि तबादला आदेश कलेक्टर के थे, उसके अधीनस्थ इसे निरस्त नहीं कर सकते थे, ऐसे में उनके रिलीविंग आदेश को निरस्त कर इसका तोड़ निकालने की कोशिश हो रही है.
केस 3
तबादला आदेश का पालन छुरा ही नहीं बल्कि मैनपुर ब्लॉक के सहायक शिक्षक भी नहीं कर रहे हैं. बीइओ मैनपुर कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मैनपुर मुख्यालय से महज 4 किमी दूरी पर मौजूद भालुकोना प्राथमिक स्कूल जहां केवल 14 बच्चें हैं, वहां पदस्थ 3 में से शिक्षिका रेखा साहू का तबादला 64 छात्र वाले एकल शिक्षकीय शाला देवझर अमली किया गया. लेकिन रेखा ने यहां जॉइनिंग नहीं किया. ऐसे ही सरकंडा के प्रेम मार्कण्डेय जरहिडीह नहीं गए, मुड़ागांव के चन्द्रहास कुरुवापानी नहीं गए, चरौदा के सुखसागर कुर्रे घुमरापदर के अलावा गरीबा में पोस्टिंग हुए सुनील राजपूत अब तक नए पदस्थापना पर नहीं पहुंचे हैं.
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