रायपुर- राजधानी पुलिस की कमान बदल दी गई है. राज्य शासन ने नीतू कमल को हटाकर आरिफ शेख को पुलिस अधीक्षक की नई जिम्मेदारी सौंपी है. भूपेश सरकार के सत्ता में काबिज होने के बाद पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर हुए तबादले में आरिफ शेख को बिलासपुर से पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया था, उन्हें मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक नक्सल अभियान की जिम्मेदारी दी गई थी. दो महीने से भी कम समय में उन्हें दोबारा फील्ड पर लाया गया है. आरिफ शेख इससे पहले धमतरी, जांजगीर चाम्पा, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बस्तर और बिलासपुर में एसपी रह चुके हैं. रायपुर उनका आठवां जिला होगा.

वहीं नीतुकमल को बलौदाबाजार-भाटापारा की एसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जांजगीर चाम्पा के एसपी आर एन दाश को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है. उन्हें सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है. मुंगेली की एसपी रहीं पारुल माथुर जांजगीर चाम्पा की एसपी बनाई गई है. बलौदाबाजार- भाटापारा के एसपी प्रशांत अग्रवाल भी मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक बनाये गए हैं.

नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में पदस्थ रहे मोहित गर्ग नारायणपुर के एसपी बनाये गए हैं. उप सेनानी 2री वाहिनी में तैनात चंद्रमोहन सिंह को अमलेश्वर दुर्ग में 3री वाहिनी पदस्थ किया गया है. रायगढ़ में नगर पुलिस अधीक्षक रहे सिद्धार्थ तिवारी को एडिशनल एसपी बनाकर सुकमा भेजे गए हैं. रायपुर में तैनात सीएसपी सूरज सिंह को एडिशनल एसपी दंतेवाड़ा बनाया गया है. गोवर्धन राम ठाकुर बीजापुर एसपी बनाये गए है.

कम्युनिटी पुलिस के लिए अंतरराष्ट्रीय अवार्ड पा चुके हैं आरिफ शेख

आरिफ शेख कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए भी पहचाने जाते हैं. बालोद जिले में एसपी रहते हुए उन्हें इंटरनेशनल एसोसिएशन आफ चीफ आफ पुलिस ( आईएसीपी) के प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें यह सम्मान कैलिफोर्निया में दिया गया था. बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान आरिफ शेख को अपराध अन्वेषण के क्षेत्र में बेहतर पुलिसिंग के लिए अमेरिका के वर्जिनिया में सम्मानित किया गया था. पुलिसिंग अवार्ड के क्षेत्र में देश भर में चर्चित एसडब्ल्यूआई ने भी आरिफ को इनोवेशन एंड एक्सीलेंसी अवार्ड के लिए चुना है. वह अमेरिका की प्रसिद्ध लुइस डेकमर ट्रस्ट के भी नॉन-अमेरिकन सदस्य है.

बालोद एसपी रहते हुए आरिफ ने एसपी रहने के दौरान मिशन ई-रक्षा, मिशन जीवदया, मिशन पूर्ण शक्ति शुरू किया था, वहीं बस्तर में रहते हुए उन्होंने आमचो बस्तर आमचो बस्तर, आमचो पुलिस, संवेदना केंद्र और राखी विथ खाकी अभियान के जरिए पुलिसिंग को आम जनता के नजदीक लाने की पहल की थी. राज्य गठन के बाद पहला मौका था, जब नीतूकमल के रूप में राजधानी को महिला एसपी मिली थी, लेकिन महज दो महीने से भी कम समय में शासन ने उनकी जिम्मेदारी बदल दी.

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