दिल्ली हाईकोर्ट(Delhi Highcourt) ने कैंट क्षेत्र में जवानों के नाले से गुजरने के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए लोक निर्माण विभाग (PWD) को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली कैंट में पुलिया और रास्ते को तुरंत साफ किया जाए. यह सुनवाई भारतीय सेना के राजपूताना राइफल्स के 3,000 से अधिक सैनिकों को गंदे और बदबूदार नाले से गुजरने की समस्या को लेकर की गई थी.
कोरोना के नए वेरिएंट से दिल्ली में पहली मौत, 60 साल की महिला ने तोड़ा दम
कोर्ट ने पीडब्लूडी को निर्देश दिया है कि वह तुरंत नाले और मार्ग की सफाई करें. यह मामला तब उजागर हुआ जब 26 मई को एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि सैनिकों को अपने बैरकों से परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए दिन में चार बार गंदे, कीचड़ भरे और कभी-कभी कमर तक पानी से भरे नाले से गुजरना पड़ता है.
फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए मंजूरी
PWD के अधीक्षण अभियंता और वकील ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी प्राप्त हो गई है. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने निर्देश दिया कि फुट ओवर ब्रिज का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इसके साथ ही, PWD को तत्काल क्षेत्र को साफ करने की आवश्यकता है, जिसमें मलबा, मिट्टी और दीवारों को हटाना शामिल है. इसके अलावा, वहां ब्लॉक टाइलें भी लगाई जानी चाहिए ताकि सैनिकों की आवाजाही सुगम हो सके.
सैनिकों को गंदे नाले से गुजरना न पड़े
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था, जो कि न्यूज़ रिपोर्ट्स के आधार पर था. रिपोर्ट्स में बताया गया था कि राजपूताना राइफल्स के 3000 से अधिक सैनिकों को अपने बैरकों से बाहर निकलकर परेड ग्राउंड जाने के लिए एक गंदे नाले से गुजरना पड़ता है. यह स्थिति दिल्ली छावनी क्षेत्र में उत्पन्न हुई है, जहां सैनिकों को इस असुविधाजनक स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर 2 बेटियों मिलकर की मां की हत्या, डेढ़ साल से फरार बड़ी बहन गिरफ्तार
ट्रैफिक पुलिस को भेजा नोटिस
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि मानसून के दौरान कीचड़ जमा होने से रोकने के लिए नियमित सफाई की जाए और इस प्रक्रिया की तस्वीरें 18 जून को होने वाली अगली सुनवाई में प्रस्तुत की जाएं. इसके साथ ही, ट्रैफिक पुलिस के उपायुक्त को नोटिस जारी कर सैनिकों के लिए सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रॉसिंग और ट्रैफिक सिग्नल की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए कहा गया है, ताकि वाहनों की आवाजाही में कोई बाधा न आए.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक