रायपुर. कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप को भूलकर अब पूरा देश अर्णब गोस्वामी और उनसे जुड़ी पूरी खबरे पढ़ने में लगा हुआ है. फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम सभी में केवल अर्णब गोस्वामी से जुड़ी पोस्ट नजर आ रही है.
एक ओर कांग्रेस का समर्थन करने वाले लोग अर्णब के विरोध में बातें कर रहे है तो वहीं बीजेपी समर्थक और हिंदू समाज से जुड़े लोग खुलकर अर्णब गोस्वामी का समर्थन कर रहे है. हालांकि उनके समर्थन की पोस्ट सोशल मीडिया में ज्यादा पढ़ी और पसंद की जा रही है.
लेकिन आपको बता दें कि विवादों का अर्णब गोस्वामी से नाता कोई नया नहीं है. टीवी पैनल चर्चा में उनकी शैली के लिए समाज के एक अंश द्वारा उनकी आलोचना अक्सर देखी जाती है.
उनके चैनल रिपब्लिक टीवी को NBSA (न्यूज़ इंस्टीट्यूटिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी) से पिछले दिनों एक नोटिस मिला, जिसमें चैनल से ‘वल्गर ठग,’ ‘बिगाड़ना,’ ‘सेक्सिस्ट,’ ‘लेव्ड,’ ‘गुंडे शब्दों का इस्तेमाल के लिए एक फुल-स्क्रीन माफी प्रदर्शित की गई.
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मई 2017 में, द बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड, जिसे द टाइम्स नाउ ग्रुप भी कहा जाता है, ने अर्नब गोस्वामी (द टाइम्स नाउ ग्रुप के पूर्व एडिटर-इन-चीफ) के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें चोरी, बौद्धिक संपदा अधिकारों के उल्लंघन, आपराधिक होने का दावा किया गया था विश्वास और कुछ अन्य आरोपों का उल्लंघन था.
26 मई, 2017 को, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने थरूर को अपनी पत्नी की मृत्यु के लिए शामिल करने के लिए अर्नब के टीवी चैनल, रिपब्लिक टीवी के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया.
इसी केस के दौरान अर्णब को फटकारते हुए कोर्ट ने कहा था कि भाषणबाजी कम कीजिए, तथ्य दिखाइए.