राकेश कन्नौजिया,बलरामपुर. बनारस के गंगा नदी के किनारे झोपड़ी में छुपकर बैठे डाकुओं के सरदार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ पुलिस उसके दो अन्य साथियों को अलग अलग जगाहों से गिफ्तार किया है. पकड़े गये तीनों आरोपियों के पास से पुलिस ने हथियार सहित नगद बरादम किया है.
बता दें कि जिले के वाड्रफनगर पुलिस चौकी को 29 मार्च की सुबह सूचना मिली थी कि नगर से लगे जंगल किनारे रहने वाले कुशवाहा परिवार के यहा कुछ नकाबपोश लोगों ने 28 मार्च की रात बन्दूक की नोक पर डाका डालते हुए जेवरात समेत 50 हजार की पार कर दिये.
घटना के बाद कुशवाहा परिवार ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी. जिस पर पुलिस ने उन नकाबपोशों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी. इसी बीच पुलिस को साइबर सेल की सहायता से एक लुटेरे होमलाल का पता चला. होमलाल अपने गाँव में एक घर पर छुपकर बैठा हुआ है. सूचना मिलते ही पुलिस होमलाल के घर पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस ने होमलाल से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बन्दूक की नोक पर डाका डालते हुए कुशवाहा परिवार से जेवरात समेत 50 हजार की पार करने की बात स्वीकार की. होमलाल ने बताया की इस डकैती की योजना श्रावण ने बनाई थी और उसके बाद एक अन्य सहयोगी चन्दन यादव के साथ मिलकर तीनों ने कुशवाहा परिवार के यहां डकैती डाली थी.
बाद में पुलिस ने होमलाल के बताए ठिकानों और साइबरसेल कि मदद से उनके एक सहयोगी चन्दन यादव को अम्बिकापुर से गिरफ्तार किया. लेकिन अब भी डाकूओं का सरदार पुलिस की गिरफ्त से बाहर था. श्रावण लगातार उत्तर प्रदेश में अपने ठिकाने बदल रहा था. आखिरकार श्रावण को बनारस के गंगा नदी के किनारे एक झोपड़ी से गिरफ्तार किया गया.
श्रावण के पास से देशी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, 11 सौ नगद, एक बाइक जिसमें उत्तर प्रदेश नम्बर के साथ पुलिस का स्टिकर लगा रखा है और कुछ सोने चांदी के जेवर भी बरामद हुए है.