नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकारी बैंकों को मौजूदा हालात से उबारने, उन्हें मजबूत करने और एनपीए से निपटने के मकसद से सरकार ने  2 लाख 11 हजार करोड़ रुपए की मदद देने का फैसला किया है. इसमें से 1.35 लाख करोड़ रुपए रीकैप बॉन्ड्स के रूप में दिए जाएंगे. वहीं, 76 हजार करोड़ रुपए की मदद बजटरी सपोर्ट और मार्केट रेजिंग के रूप में मिलेगी. उम्मीद है कि इससे नौकरियों के मौके बढ़ेंगे. ग्रोथ बढ़ेगी और इन्वेस्टमेंट्स बढ़ाने में मदद मिलेगी.

कांग्रेस द्वारा लगातार केन्द्र की भाजपा सरकार को जनता विरोधी बताया जा रहा है. कांग्रेस का आरोप रहा है कि जब से देश मे भाजपा की सरकार आई है तब से ही देश की अर्थ व्यवस्था की स्थिति बिगडती जा रही है. कांग्रेस के इन आरोपों का जवाब आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक प्रेसवार्ता के दौरान दिया.

जेटली इस दौरान जहां एक ओर देश की अर्थ व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी, वही दूसरी ओर आने वाले समय के सराकर के द्वारा देश के विकास के लिए किये जाने वाले कार्यो के बारे मे भी बताया.उन्होने प्रेसवार्ता के दौरान कहा की हिंदुस्तान 3 साल में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी रही। पिछले कुछ हफ्तों में वित्त मंत्रालय के अंदर अर्थव्यवस्था को लेकर काफी विवेचनाएं की गईं, सरकार ने ये तय कर लिया है कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के हरसंभव प्रयास किये जाएंगे. देश की बुनियादी अर्थव्यवस्था बेहद मजबूत है और हम चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं.

आज की प्रेसवार्ता के दौरान जेटली के साथ इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी सुभाष गर्ग और फाइनेंस सेक्रेटरी अशोक लवासा भी मौजूद रहे. सुभाष गर्ग बताया कि “जीडीपी ग्रोथ मीडिया के लिए चर्चा का विषय रहा है. रियल जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रही. 2015-16 में 8.2 फीसदी थी. यह बेहतर नहीं होगी, ऐसा सोचने की कोई वजह नहीं है. क्योंकि इन्वेस्टमेंट और फॉरेन रिजर्व की कमी नहीं है.

वही अशोक लवासा कहा की हमने पांच सेक्टर्स पर फोकस किया है. रोड बिल्डिंग सबसे अहम है. आने वाले सालों में 34 हजार 800 किलोमीटर लंबे रोड बनाए जाएंगे। टारगेट पांच साल का है. इससे 14 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे. 5 लाख 35 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसमें फीडर रोड भी होंगी, जो करीब 6 हजार किमी की होगी. इसके अलावा 5 हजार किमी के कुछ और रोड बनाए जाएंगे. बॉर्डर रोड और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी सामने आएगी. कोस्टल कनेक्टिविटी पर भी फोकस है. इसमें भूटान और नेपाल जैसे दूसरे देशों से कारोबार बढ़ाना शामिल है.