राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। पार्टी से नाराज कांग्रेस नेता अरुण यादव अपने पिता की पदचिन्हों पर चलने की तैयारी कर रहे हैं। पार्टी में अपनी उपेक्षा और लोकसभा उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज अरुण यादव बड़ा राजनीतिक दांव चलने वाले हैं। वे खलघाट में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए उनके समर्थक सोशल मीडिया में चलो खलघाट मुहिम चला रहे हैं। इसके तहत वे जन जागरण यात्रा भी निकाल रहे हैं।
बता दें कि 23 साल पहले अरुण यादव के पिता सुभाष यादव ने खलघाट में शक्ति प्रदर्शन किया था। शक्ति प्रदर्शन के बाद ही उन्हें अविभाजित मध्यप्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।

उन्होंने इशारों-इशारों में ही बड़े नेताओं को घेरा
अरुण यादव ने कहा कि कांग्रेस में ऊपर से लेकर नीचे तक संवादहीनता के हालात है। उन्होंने कहा कि पार्टी में जो संवादहीनता है उसे ठीक करना है, हमभी इसमें लगे हुए हैं। वे जन जागरण यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। बुधवार को विदिशा में निकाली गई थी जन जागरण यात्रा।

जन जागरण पदयात्रा को कांग्रेस ने बताया निजी
कांग्रेस नेता अरुण यादव के जन जागरण पदयात्रा पर कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह ने कहा कि ये अरुण यादव का कार्यक्रम है ना कि पार्टी का। प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमल नाथ का पहले से कार्यक्रम तय हैं। उन्होंने कहा कि पीसीसी चीफ कमलनाथ जयपुर में होने वाले आंदोलन में होंगे शामिल।

सुभाष यादव और अर्जुन सिंह के कबीले को समाप्त कर रहे

कांग्रेस की आपसी गुटबाजी के चलते नेताओं के अलग-अलग बयान के बीच बीजेपी ने भी इंट्री मार ली है। बीजेपी ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पार्टी के बड़े चेहरे रहे नेताद्वय सुभाष यादव और अर्जुन सिंह के कबीले को समाप्त कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा है कि उक्त दोनों नेता अरुण यादव और अजय सिंह को राजनीतिक हाशिए पर ले आए हैं। वे दोनों प्रदेश की राजनीति में नकुलनाथ और जयवर्धन सिंह को आगे बढ़ा रहे हैं।
लोगों का मानना है कि जिस तरह कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में परिवारवाद के कारण गर्त में जा रही है, उसी तरह का हश्र एमपी में भी होने वाला है।