Arvind Akela Kallu News: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता और गायक अरविंद अकेला कल्लू (Bhojpuri film industry Arvind Akela Kallu) अपने पहले ही गाने से मदहोश हो गए थे. फैन फॉलोइंग के मामले में वह किसी और स्टार से पीछे नहीं हैं. इस बीच उन्होंने सनसनीखेज खुलासा किया है.

दरअसल, कल्लू आज अपना 25वां जन्मदिन मना रहे हैं तो हम आपको उनके कुछ दिलचस्प किस्सों के बारे में बताते हैं. अरविंद अकेला कल्लू ने महज आठ साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था. उनका पहला गाना छोलिया के हुक राजा जी 2004 में रिलीज हुआ था. यह गाना रिलीज होते ही शादियों और आर्केस्ट्रा में खूब बजता था.

इसके बाद ‘चली समियाना में आज गोली’, ‘गवनवां कहिया ले जईबा ना’, मुर्गा बेचैन बाटे, साइकिल में साइकिल लडावेली, सकेत होता राजा जी, मिस कॉल मार के, लभ के टॉनिक, गाने से अरविंद अकेला भोजपुरी सिनेमा (Bhojpuri film industry) में खुद का लोहा मनवा चुके थे.

अभिनय प्रतिभा के कायल हैं फैंस
कल्लू एक बेहतरीन गायक ही नहीं एक दमदार अभिनेता भी हैं. अरविंद अकेला ने साल 2016 में फिल्म दिलदार सजना से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा था. इस फिल्म ने कल्लू को फैंस के दिलों में कैद कर लिया था. इसके बाद उन्हें कई भोजपुरी फिल्मों में देखा गया. कल्लू भोजपुरी स्टार पवन सिंह को अपना गुरु मानते हैं.

पिता से अनुमति लेनी होगी
कल्लू को फिल्मों में किसिंग सीन करने के लिए पापा से इजाजत लेनी पड़ती है. एक इंटरव्यू में कल्लू बताते हैं कि उन्हें या पापा को कोई झिझक नहीं है, लेकिन मैं उन्हें अपना रोल मॉडल मानता हूं, उन्होंने मुझे बचपन से ही सिंगिंग या एक्टिंग के लिए सपोर्ट किया है. कल्लू मेकर्स से साफ-साफ कहता है कि अगर उनके पापा उन्हें बताएंगे तो वे सब कुछ कर लेंगे.

इसे यह नाम कैसे मिला
अकेले अरविंद का नाम सुनकर आपने सोचा होगा कि गायक और अभिनेता को यह नाम क्यों मिला। लेकिन इसके पीछे भी एक अजीब कहानी है. बचपन में अरविंद काफी अकेले रहते थे. इसलिए लोग उनके नाम के आगे एक अकेला लगा देते हैं. वहीं कल्लू उनके बचपन का नाम है, जिस वजह से वह अपना पूरा नाम अरविंद अकेला कल्लू लिखते हैं.

कल्लू के पिता चुनमुन चौबे भी लोक गायक रह चुके हैं. वह गांव में छोटे-छोटे कार्यक्रम करता था. उसके साथ कल्लू भी जाया करता था, जिससे उसकी रुचि भी इस क्षेत्र में हो गई. ऐसे ही एक स्टेज शो के दौरान, अभिनेता ने पहली बार पवन सिंह का भक्ति गीत ‘झुरु झुरु निमिया गछिया’ गाया. इसे ग्रामीणों ने खूब पसंद किया.

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