लखनऊ. हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ टिप्पणी करना भारी पड़ गया था. जिसके बाद प्रोफेसर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अब उन्हें जमानत मिल गई है. जिस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया है. जिसमें लिखा है- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बिना हर स्वतंत्रता औपचारिक है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कथित आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महमूदाबाद को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर के शब्दों के चयन पर सवाल उठाए. अदालत ने कहा कि इन शब्दों का इस्तेमाल दूसरों को अपमानित करने, असहज करने के लिए किया गया.

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कोर्ट ने जमानत देने के साथ ही मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रोफेसर को जांच के दौरान पहलगाम या ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट से बचना होगा. महमूदाबाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने उन्हें सलाह दी कि वे किसी भी विषय पर बात करते समय संयमित भाषा का प्रयोग करें.

18 मई को हुई थी गिरफ्तारी

गौरतलब है कि अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के कारण हरियाणा पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था. महमूदाबाद ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रेस ब्रीफिंग में महिला अधिकारियों की भागीदारी को “प्रतीकात्मक” करार दिया, लेकिन यह भी कहा कि यदि जमीनी हकीकत में बदलाव नहीं आया, तो यह केवल एक दिखावा होगा. उन्होंने दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों से अपील की कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ होने वाली हिंसा, जैसे मॉब लिंचिंग और अवैध बुलडोजिंग, के पीड़ितों के लिए भी उतनी ही मजबूती से आवाज उठाएं.