अमित मंकोडी, आष्टा। राजधानी भोपाल में लैंड जिहाद को लेकर मछली परिवार पर लगातार कार्रवाइयां की जा रही है। इसी तरह का एक मामला सीहोर जिले के आष्टा में उजागर हुआ है। जहां अतीक वारी नाम का शख्स तालाबों पर कब्जा कर फर्जी समिति बनाकर मत्स्य पालन कर रहा था। इसकी सूचना मिलते ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सदस्य प्रियंक कानूनगो ने अधिकारियों को चेतावनी देकर कार्रवाई के निर्देश दिए।

अतीक ने किया था तालाबों पर कब्जा

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) सदस्य प्रियंक कानूनगो आज आष्टा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने फर्जी समिति बनाकर मछली पालन करने का खेल उजागर किया। कानूनगो ने बताया कि अतीक नाम के व्यक्ति ने कूटरचित दस्तावेज बनाकर तालाबों पर कब्जा किया हुआ है। एमपी सरकार की मत्स्य पालन की नीति कहती है कि ST/SC, भोई, ढीमर, कहार, बाथम इन जातियों के लोगों को मछली पालन के कामों में प्राथमिकता दी जाएगी। इसकी जांच के लिए हमने यहां एक नोटिस दिया था। प्रतिउत्तर पर जांच की रिपोर्ट समय पर नहीं मिली। जिसके बाद दस्तावेजों की जांच करने मैं यहां आया हुआ था।’

NHRC सदस्य प्रियंक कानूनगो ने जांच रिपोर्ट पूरा करने के दिए निर्देश

उन्होंने आगे कहा कि यहां पता चला कि मत्स्य समिति बताई गई थी, उसके एड्रेस पर पंजीकृत समिति नहीं मिली। इसके अलावा, सहकारिता विभाग के निर्वाचन अधिकारी की दी गई सूची के मुताबिक उसमें 19 हिंदू मछुआरों के नाम थे, जिन्हें बाद में काट दिया गया। अभी भी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। कई नए तथ्य सामने आए हैं जिन्हें कंपाइल कर जांच रिपोर्ट को पूरा करने के लिए कहा है।   

अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द इस फर्जी समिति को हटाकर मछुआरों को उनका हक दिया जाए। जिस तालाब पर अतीक वारी का कब्जा था, वहां असली हकदार मछुआरों को मछली पालन करने के लिए प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में आष्टा नगर के मछुआरे समेत मछली पालन करने वाले अनुसूचित जनजाति के लोग उपस्थित रहे।

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