पहलगाम हमले के बाद भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों को पुलिस ढूंढ-ढूंढकर उनके देश वापस भेज रही है। हर दिन दिल्ली और महाराष्ट्र से ऐसे बांग्लादेशियों की धर पकड़ की जा रही है। लेकिन असम पुलिस इस प्रक्रिया में इतनी तल्लीन हो गई की उन्होंने जोश-जोश में अपने ही देश के एक नागरिक को बांग्लादेशी बताकर डिपोर्ट कर दिया।

दरअसल, 24 मई को असम पुलिस ने एक पूर्व शिक्षक को बांग्लादेशी नागरिक बताकर देश से निर्वासित कर दिया था। मामला असम के मोरीगांव जिले का है, हालांकि खुद को भारतीय साबित करने के बाद शिक्षक अपने घर लौट आया है। जिसके बाद अब पुलिस के ऊपर सवालिया निशान खड़े हो रहे है।

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सुप्रीम कोर्ट में चल रहा मामला

इस्लाम और उसके तीन भाई-बहनों को 2016 में विदेशी न्यायाधिकरण ने विदेशी घोषित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने गुवाहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने विदेशी न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा था, जिसकी वजह से 2018 में इस्लाम को हिरासत में लिया गया था। दो साल से अधिक की सजा काट चुके सभी बंदियों को रिहा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 2020 में इस्लाम को रिहा कर दिया गया था। खानम ने दावा किया कि विदेश न्यायाधिकरण के फैसले के खिलाफ उनके पति की अपील शीर्ष अदालत में लंबित है।

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परिवार ने वीडियो में इस्लाम को बांग्लादेश ले जाते हुए देखा था

जानकारी के अनुसार खैरुल इस्लाम और आठ अन्य लोगों को 24 मई को जिले के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिये गये लोगों के परिजनों को कहना है कि इस्लाम सहित अन्य लोगों को कहां रखा गया है इसकी जानकारी भी पुलिस द्वारा नहीं दी गई। इस्लाम के परिवार ने दावा किया था कि उन्होंने एक वीडियो में उसे कथित तौर पर बांग्लादेश ले जाते हुए देखा था।

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रात को पुलिस ने खैरुल इस्लाम को उठाया

पुलिस ने बताया कि इस्लाम के साथ पकड़े गए आठ अन्य लोगों को गोलपारा जिले के मटिया में हिरासत केंद्र में भेज दिया गया है। इस्लाम की पत्नी रीता खानम ने शुक्रवार को कहा था कि उनके पति पूर्व में एक में स्कूल शिक्षक थे और कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मी रात में उनके घर आए और इस्लाम को यह कहकर ले गए कि उन्हें कुछ सवाल पूछने हैं, जिसके बाद वह घर लौट सकते हैं, लेकिन तब से लेकर अब तक परिवार को उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई, जब तक कि वीडियो सामने नहीं आया।

परिवार का दावा- पुलिस ने मार दी गोली

परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि इस्लाम को दक्षिण सलमारा मनकाचर जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर ‘गोली मार दी गई’। इस्लाम के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस उसे शनिवार सुबह घर ले आई। असम सीमा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस्लाम की चिकित्सा जांच की गयी और वह शारीरिक रूप से स्वस्थ पाया गया। अधिकारी ने हालांकि यह बताने से इनकार कर दिया कि उसे किस जगह हिरासत में रखा गया था। गौरतलब है कि, बुधवार को असम के गौहाटी हाईकोर्ट में इस पूरे मामले पर एक केस दर्ज किया गया है।

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