ब्यूरो रिपोर्ट, भोपाल. मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव का रिजल्ट भी आ गया है. इस बार चुनावी मैदान में आम आदमी पार्टी भी थी. पार्टी तीनों राज्यों में चुनाव लड़ी थी, लेकिन तीनों राज्यों में हार का सामना करना पड़ा. एक भी राज्य में पार्टी का खाता नहीं खुला. तीनों राज्यों में AAP ने 215 प्रत्याशियों को टिकट दिया था. जिसमें से 201 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
नोटा से भी कम मिला AAP को वोट
अगर एमपी की बात करें तो पार्टी ने 70 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारी थी. 63 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई. पार्टी को प्रदेश में 0.44 वोट मिला. आम आदमी पार्टी को मध्य प्रदेश में नोटा से भी कम वोट मिला है. आप को कुल 2 लाख 33 हजार 458 वोट मिले हैं. जबकि नोटा को 4 लाख 27 हजार 710 वोट मिला. ऐसे में नोटा को आम आदमी पार्टी से 1 लाख 90 हजार 000 से अधिक वोट मिले हैं.
रानी अग्रवाल की करारी हार
एमपी में आम आदमी पार्टी की सबसे चर्चित प्रत्याशी सिंगरौली की मेयर एवं प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल भी चुनाव हार गईं. यहां से पार्टी को जीत की उम्मीद थी. लेकिन बसपा प्रत्याशी से भी कम इन्हें वोट मिले. यहां से भाजपा के रामनिवास शाह ने 38196 वोटों से जीत दर्ज की है. भाजपा के रामनिवास शाह को कुल 74 हजार 261 वोट मिले, जबकि कांग्रेस की रेनू शाह को 36 हजार 65 और बसपा प्रत्याशी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा को 29 हजार 673 और आप की रानी अग्रवार को महज 8 हजार 185 वोट हासिल हुए हैं.
AAP प्रत्याशी अभिनेत्री चाहत पाण्डेय की जमानत जब्त
दमोह विधानसभा सीट सबसे चर्चित सीट थी. यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर टीवी एक्ट्रेस चाहत पाण्डेय चुनावी मैदान में थीं. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस मुख्य मुकाबला कांग्रेस के MLA अजय टंडन और BJP के जयंत मलैया के बीच थी. दमोह सीट से 12 लाख इंस्टाग्राम फॉलोवर वाली आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी चाहत पाण्डेय को वोटरों ने केवल 2292 वोट दिए. उनकी जमानत जब्त हो गई है. पांडेय ने इसी साल जून माह में आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी.
तीनों राज्यों में 201 प्रत्याशियों की हुई जमानत जब्त
आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों में से 70 से ज्यादा उम्मीदवार उतारे थे, राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों में से पार्टी ने 88 प्रत्याशी और छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 57 उम्मीदवार उतारे थे. यानि की तीनों राज्यों की 519 सीटों पर 215 प्रत्याशी चुनाव लड़े थे, जिसमें से 201 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई. केजरीवाल को तीनों ही राज्यों से तगड़ा झटका लगा. आम आदमी पार्टी को अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था.
राजस्थान में मिला सबसे मिला वोट
चुनाव आयोग के आंकड़े को देखें तो आम आदमी पार्टी, चुनाव में कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई है. सीएम अरविंद केजरीवाल गुरजात विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में भी पार्टी की वोट शेयर बढ़ाने पर काम कर रहे थे, लेकिन इस बार ‘आप’ की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. वोट शेयर की बात करें तो, छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को 0.93 फीसदी वोट से संतोष करना पड़ा. मध्य प्रदेश में उसे मात्र 0.54 फीसदी वोट और राजस्थान में 0.38 फीसदी वोट मिले.
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तीनों राज्यों में बीजेपी की बंपर जीत
गौरतलब है कि बीजेपी ने तीनों राज्यों में बंपर जीत दर्ज की है. मध्य प्रदेश में 163 सीटों पर जीत हासिल की है. कांग्रेस 66 सीटों पर चुनाव जीती है. राजस्थान में बीजेपी को 115 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस को 66 सीट मिली है. जबकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 54 सीटों पर जीत मिली है तो वहीं कांग्रेस 35 सीटों पर जीती है.
2018 विधानसभा चुनाव में AAP का ऐसा रहा हाल
बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बड़े दमखम के साथ चुनाव लड़ा था. लेकिन 2018 का रिजल्ट भी निराशजनक रहा. 2018 के चुनाव में भी तीनों राज्यों में उसे नोटा से भी कम वोट मिले थे. 2018 में पार्टी ने राजस्थान में 142, मध्य प्रदेश में 208 और छत्तीसगढ़ में 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. जिसमें पार्टी को छत्तीसगढ़ में लगभग 0.9 फीसदी, एमपी में 0.7 फीसदी और राजस्थान में 0.4 फीसदी वोट मिले.
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