रायपुर. निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन 2018 के अंतर्गत प्रदेश में सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाहियां तेज कर दी गई है. इसके तहत 8 अक्टूबर की अवधि तक शासकीय परिसम्पत्तियों से दो लाख 17 हजार 969 होर्डिंग्स, पोस्टर, दीवार लेखन सहित बैनर-झंडे इत्यादि हटाये जाने की कार्यवाही की गई है. जिसमें एक लाख 10 हजार 286 होर्डिंग्स एवं पोस्टर 69 हजार 745 दीवार लेखन और 37 हजार 917 बैनर-झंडे आदि हटाया जाना शामिल हैं.

शासकीय परिसम्पतियों के साथ-साथ निजी परिसम्पत्तियों से भी इसी प्रकार की कार्यवाही की जाएगी. इसके लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है. उन्होंने बताया कि 7 अक्टूबर की अवधि तक एक लाख 34 हजार 578 होर्डिंग्स एवं पोस्टर, दीवार लेखन, बैनर-झंडे हटाये गए. जिसमें 74 हजार 645 होर्डिंग्स एवं पोस्टर 41 हजार 642 दीवार लेखन और 18 हजार 291 बैनर-झंडे आदि हटाया जाना शामिल है. इसी प्रकार 8 अक्टूबर को 83 हजार 391 सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की गई. जिनमें 35 हजार 641 होर्डिंग्स एवं पोस्टर, 28 हजार 104 दीवार लेखन और 19 हजार 646 बैनर-झंडे हटाये गए. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 6 अक्टूबर 2018 से आदर्श आचार संहिता प्रभावशील कर दी गई है, इसे दृष्टिगत रखते हुए सम्पत्ति विरूपण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है, जो आगे भी जारी रहेगी.

नियंत्रण कक्ष स्थापित

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है. इस नियंत्रण कक्ष का दूरभाष क्रमांक 0771-4913677 है। सम्पत्ति विरूपण संबंधी शिकायतों के लिए उक्त दूरभाष नम्बर पर भी कोई भी नागरिक सूचना दे सकते हैं.

सम्पत्ति विरूपण अधिनियम
सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा-3 में उल्लेख है कि कोई भी जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति से स्याही, खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थों से लिखकर या चिन्हित करके उसे विरूपित करेगा वह जुर्माने से जो 1000 रूपए तक का हो सकेगा वो दण्डनीय होगा. अधिनियम के तहत जारी आदेश में यह कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगाने, पोस्टर चिपकाने, चुनाव प्रचार से संबंधित झंडे लगाने या रंग, खड़िया से लिखे जाने से पूर्व निजी सम्पत्ति के स्वामी की लिखित सहमति, से संभावित दस्तावेज निर्वाचन कार्यालय में आवश्यक रूप से उपलब्ध करायें।

कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी अपने समर्थकों, अनुयायियों को झंडे लगाने, बैनरों को लटकाने, नोटिसों को चिपकाने, नारे आदि लिखने के लिए सम्पत्ति स्वामी की अनुमति के बिना नहीं कर सकेंगे. इसमें भवन, भूमि, अहाता आदि शामिल है. यदि बिना सहमति से किसी निजी सम्पत्ति पर बैनर लगा हो, पोस्टर चिपका हो, चुनाव प्रचार संबंधी झंडे लगे हो या रंग अथवा खड़िया से लिखकर सम्पत्ति को विरूपित किया जाना पाया जाएगा तो, सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के तहत न केवल दण्डित किया जाएगा अपितु उसे हटाये जाने में होने वाले व्यय की वसूली भू-राजस्व बकाया की भांति निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी, राजनीतिक दल आदि से की जाएगी. इसके साथ ही साथ होने वाले व्यय को राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी के व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा. भारतीय दण्ड संहिता और दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी.