रायपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सदन में मानव तस्करी का मामला उठा. पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह ने मामला उठाते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से मानव तस्करी की परिभाषा पूछा. इस पर गृहमंत्री के जवाब से असंतुष्ट रमन सिंह ने कहा कि सदन को गलत जानकारी दी गई है.

दरअसल, गृहमंत्री साहू ने कहा 150 दिनों तक यदि गुम बच्चों की जानकारी सामने नहीं आती तो इसे मानव तस्करी के दायरे में माना जाता है. इस पर रमन सिंह ने कहा इसकी परिभाषा स्पष्ट है जो मंत्री नहीं बता पा रहे. उन्होंने पूछा कि राज्य और ज़िलों में इसे लेकर कमेटी बनाई गई है ? बैठक कब कब हुई है ? इसकी नोटिफ़िकेशन कब हुई ? गृहमंत्री ने कहा कि नोटिफ़िकेशन की तारीख़ अलग से बता देंगे.

रमन सिंह ने कहा कि सदन में ग़लत जानकारी दी गई है. कवर्धा में 2017 से अब तक मानव तस्करी का कोई मामला नहीं बताया गया लेकिन कवर्धा की एक बच्ची को आंध्रप्रदेश के वेल्लूर से लाया गया है. दो लोगों की गिरफ़्तारी हुई है. फिर कैसे इस प्रश्न के जवाब में सरकार कवर्धा में ज़ीरो प्रकरण बता रही है. पूरे प्रदेश भर में मानक तस्करी का मामला चल रहा है . बस्तर से जशपुर तक यही हालात हैं.

रमन सिंह ने कहा कि इस घटना के बारे में मंत्री कह रहे हैं कि जानकारी उपलब्ध करा देंगे कह रहे हैं. सदन में अधिकारी गलत जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं, ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए. डोंगरगढ़ में पीड़ित परिवार खुद सामने आकर मानव तस्करी की जानकारी दे रहा है, लेकिन उसके बाद भी ऐसी घटना को रोकने सरकार ने क्या कार्ययोजना बनाई है?

मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि डोंगरगढ़ की घटना में आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई है. इसमें 8 आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है. एक की बाक़ी है. रमन सिंह ने पूछा गृह मंत्रालय भारत सरकार का निर्देश है कि हर ज़िले में एंटी ह्यूमन ट्रेफ़िकिंग यूनिट को मज़बूत करने के निर्देश है. क्या इस यूनिट को संज्ञान में लेकर सभी ज़िलों में कमेटी बनाने का प्रयास करेंगे?

गृहमंत्री ने कहा कि 8 ज़िलों में शुरू कर दिया गया है. बाक़ी ज़िलों में एसपी इस सेल को शुरू कर रहे हैं. भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने इस पर कहा यह गम्भीर मामला है. सदन में जवाब आना चाहिए.