लुधियाना. पंजाब यूनिवर्सिटी, पंजाबी यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी के कालेजों में अयोग्य प्रिंसिपल और एसोसिएट प्रोफेसर्स की नियुक्ति का मामला उठाने वाली एसोसिएशन आफ अनएडेड कालेज टीचर्स-पंजाब और चंडीगढ़ ने अब उक्त मामले में पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित को पत्र लिखा है।

पत्र में एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि यूजीसी रेगुलेशन 2010 की धज्जियां उड़ा कर कालेजों में भर्ती अयोग्य प्रिंसिपल और एसोसिएट प्रोफेसर्स से सरकार को करोड़ों रुपए का नुक्सान हो रहा है और योग्य उम्मीदवारों को नौकरियां नहीं मिल रही हैं।
ए.यू.सी.टी. के महा-सचिव प्रो. जसपाल सिंह और वक्ता प्रो. तरूण घई ने आरोप लगाया कि कालेजों में इन अयोग्य उम्मीदवारों को प्रिंसिपल और एसोसिएट प्रोफैसर के तौर पर नियुक्त करने के लिए यूनिवर्सिटियां और कालेज मैनेजमेंट द्वारा कानूनी नियमों का उल्लंघन किया गया है।

Punjab Governor Banwarilal Purohit

प्रो. घई ने बताया कि यूजीसी ने 24 अप्रैल को हुई अपनी 568वीं मीटिंग में उल्लंघन के खिलाफ कड़ा नजरिया रखते हुए उच्च शिक्षा संस्थाओं में फेकल्टी नियुक्तियां और पीएचडी प्रदान करने के समय-समय पर मुलांकन करने के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि अयोग्य उम्मीदवारों की कानून तोड़ने वाली नियुक्तियां जहां एक तरफ सरकारी खजाने को करोड़ों में भारी वित्तीय नुक्सान पहुंचा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ सही नियुक्तियों के रास्ते में रुकावट डाल रही हैं।

उन्होंने कहा कि इन यूनिवर्सिटियों के संबंध में वाइस चांसलर को भी लिख कर कई बार भेजा है, परन्तु कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई। उन्होंने गवर्नर को इस मामले में तुरंत दखल देने और पंजाब के उच्च शिक्षा में व्यवस्था को स्थापित करन की अपील की क्योंकि वह पंजाब की 2 यूनिवर्सिटियों के चांसलर भी हैं। प्रो. घई ने कहा कि उनके संगठन द्वारा सभी के संबंध में दस्तावेजों से और मामले को विस्तृत पेश करने के लिए मुलाकात के लिए भी गवर्नर से समय मांगा गया है।