अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) अपने मून मिशन (moon mission) में निजी कंपनियों को भी शामिल कर रही है. नासा की योजना एक मून कार के निर्माण कार्य पर जुटा है. यह आधा वीकल और आधा रोबोट होगी. इसे लूनार टेरेन वीकल (LTV) भी कहा जाता है. नासा की योजना है कि जरूरत पड़ने पर कार 2 एस्‍ट्रोनॉट्स (Astronauts) को चंद्रमा पर ट्रैवल कराए साथ ही सेमी ऑटोमैटिक रूप से खुद भी काम करे, ताकि चंद्रमा से जुड़ीं रिसर्च पूरी की जा सके.

नासा अब निजी कंपनियों से चंद्रमा पर भविष्य के आर्टेमिस मिशन के लिए एलटीवी सेवा अनुबंध के लिए अपना सबमिशन डालने के लिए कह रहा है. प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) 26 मई को प्रकाशित किया गया था, और इच्छुक पार्टियों को एलटीवी प्रस्तावों के लिए 10 जुलाई की समय सीमा दी गई है.

2024 में लॉन्च होने वाले इस मिशन के लिए 4 अंतरिक्षयात्रियों को चुना गया है. चारों अंतरिक्षयात्री 10 दिन तक चांद के आासपास नासा के विशेष ओरियन कैप्सूल में बैठकर चक्कर काटेंगे. नासा ने अपने चंद्रमा के मिशन के लिए पहली बार एक महिला और एक अफ्रीकी-अमेरिकी को अंतरिक्ष यात्रियों के रूप में चुना है. आर्टेमिस II मिशन के यात्री चंद्रमा पर लैंड नहीं करेंगे और केवल उसका चक्कर लगाकर वापस लौट आएंगे. आर्टेमिस मिशन के जरिये नासा चंद्रमा पर दीर्घकालिक मौजूदगी की सुविधा स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. पिछले 50 सालों में चांद के पास पहुंचने वाले नासा के पहले अंतरिक्षयात्री होंगे.

इंसान को चांद तक ले जाने की दिशा में नासा का यह बड़ा कदम है. उम्मीद की जा रही है कि नासा अगले एक दशक में अपना यह सपना साकार कर लेगा. नासा ने 50 साल पहले चांद के लिए अपोलो-17 मिशन लॉन्च किया था.

संभावित एलटीवी निर्माताओं को नासा ने LTV के आवश्यकताओं की एक सूची और गाइड लाइन पेश किया है. नासा ने अपने विज्ञप्ति में कहा है कि LTV निर्माताओं को एंड टू एंड सर्विस प्रदान करना होगा. इसका मतलब है कि जो भी निर्माता LTV का निर्माण ठेका मिलेगा उसे निर्माण कार्य से लेकर कर LTV को चांद पर पहुंचाने तक का सेवा प्रदान करना पड़ेगा.

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