नई दिल्ली . दिल्ली सरकार में सेवा विभाग मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार पर आदेश नहीं मानने का आरोप लगाया है. आतिशी के मुताबिक, उन्होंने सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीएसए) व विभागों के बीच समन्वय के लिए एक व्यवस्था बनाकर उसका आदेश जारी किया था.

मुख्य सचिव ने 21 अगस्त को दस पन्ने का पत्र लिखते हुए नए जीएनसीटी एक्ट (संशोधन) 2023 का हवाला दिया और इसे मानने से इंकार कर दिया. मुख्य सचिव ने लिखा कि मंत्री के पास यह अधिकार नहीं है.

दिल्ली सचिवालय में पत्रकारवार्ता में आतिशी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां जनता सरकार चुनती है और वह सरकार जवाबदेह होती है, लेकिन दिल्ली में केंद्र सरकार ने 11 अगस्त 2023 को जीएनसीटी एक्ट (संशोधन) 2023 के तहत नए कानून की अधिसूचना जारी कर दी. यह कानून कहता है कि हमारे देश में भले लोकतंत्र हो, लेकिन दिल्ली की चुनी हुई सरकार को कोई अधिकार नहीं होगा. दिल्ली में यह अधिकार ब्यूरोक्रेसी और उपराज्यपाल के पास होगा. इसका असर भी दिखने लगा है. अधिकारी चुनी हुई सरकार की बात मानने से इनकार कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया आतिशी ने कहा कि हम इसे असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक कानून मानते हैं. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं. फिर भी इसी कानून में अधिकारियों के तबादले, तैनाती व अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई गई है. चूंकि, यह कानून बन चुका है तो इसका सम्मान करते हुए हमने सरकार के विभागों व अथॉरिटी के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक व्यवस्था लागू करने का आदेश 16 अगस्त को जारी किया था, जिसके तहत सर्विसेज व सतर्कता से जुड़े मामले को सर्विसेज मंत्री यानी मुझे भेजने के बाद अथॉरिटी को भेजने की बात कही थी.

दिल्ली में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ने की बात कही

आतिशी ने आरोप लगाया है कि बीते 21 अगस्त को मुख्य सचिव ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि हम चुनी हुई सरकार के मंत्री की बात नहीं मानेंगे. यह ताकत अधिकारी के पास है. मुख्य सचिव ने कानून की धारा 45(जे) की उपधारा 5 का हवाला देते हुए कहा है कि अगर कोई अधिकारी चाहे तो वह मंत्री का आदेश मानने से इनकार कर सकता है. अगर दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव चाहे तो मंत्री के दिए हुए आदेश को मानने से इनकार कर देते हैं. वह इसकी सूचना मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल को भेज सकते हैं. आतिशी ने कहा कि कानून की यह धारा दिल्ली में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है.

 ‘संबंधित मंत्री को मामले की जानकारी हो’

सरकार का कहना है कि यह आदेश समन्वय व्यवस्था बनाने के लिए किया गया था. सरकार ने कहा था कि सर्विसेज व सतर्कता विभाग के मामले संबंधित मंत्री के पास से होकर जाएं, जिससे सरकार, विभाग, उसके मंत्रियों व अथॉरिटी के बीच समन्वय बना रहे.

एनसीएसए की बैठक टलने की आशंका

मुख्य सचिव के इस पत्र के बाद क्या अब एनसीएसए की बैठक प्रभावित होगी. इस पर आतिशी ने कहा कि बिल्कुल होगी. जनता के काम न रुके इसलिए हमने तो विभागों व अथॉरिटी के बीच समन्वय बनाने के लिए आदेश जारी किया था.