
शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने रायपुर से गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके पासपोर्ट निरस्त करवा दिए हैं। इसके अलावा, फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी को भी रद्द करने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। तीनों बंगलादेशी मोहम्मद इस्माइल (27 साल), शेख अकबर (23 साल) और शेख साजन (22 साल) रिश्ते में भाई है और 8 फ़रवरी को रायपुर से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां से वे फर्जी दस्तावेजों के सहारे इराक भागने की फिराक में थे। लेकिन समय रहते ATS ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

फर्जी दस्तावेजों का जाल, बांग्लादेशी मास्टरमाइंड फरार
ATS की जांच में सामने आया कि ये तीनों बांग्लादेशी नागरिक रायपुर में मोहम्मद आरिफ नाम के व्यक्ति की मदद से आधार कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट बनवाने में सफल रहे थे। यह पूरा नेटवर्क एक संगठित गिरोह की तरह काम करता था, जिसे शेख अली नाम का व्यक्ति चला रहा था।
शेख अली लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर उन्हें खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। वह अब फरार हो चुका है और पुलिस को उसके बांग्लादेश भागने की आशंका है। शेख अली की तलाश में छत्तीसगढ़ पुलिस की एक टीम बांग्लादेश बॉर्डर तक गई, लेकिन फिलहाल वह हाथ नहीं लगा।
2017 से जारी था फर्जी दस्तावेज बनाने का खेल
ATS की जांच में पता चला है कि साल 2017 से यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिकता दिलाकर खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था। रायपुर का चॉइस सेंटर संचालक मोहम्मद आरिफ भी इस गैंग का हिस्सा था, जो पैसों के बदले फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी तैयार करता था। ATS को शक है कि इस गिरोह के जरिए कई और बांग्लादेशी भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं और फर्जी दस्तावेजों के जरिए देश छोड़ने की फिराक में हैं। जल्द ही इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं।
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