तिरुवनंतपुरम। मेलबर्न स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मैनेजमेंट (आईएचएम) के एक अधिकारी के अनुसार, 2030 तक ऑस्ट्रेलिया में एक लाख से अधिक योग्य नर्सों की आवश्यकता होगी। मेलबर्न से फोन पर आईएएनएस से बात करते हुए, आईएचएम के मीडिया समन्वयक तिरुवल्लम भासी ने कहा कि बढ़ती आबादी और स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग, नई तकनीकों और प्रथाओं को अपनाने के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया में एक नर्स की भूमिका और कौशल बदल रहा है।

भासी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में नर्सों की नई भर्ती महामारी के कारण हुई है और ऑस्ट्रेलिया में नसिर्ंग पंजीकरण के लिए 2020 से नए प्रोटोकॉल भी शुरु किए गए हैं। हमने छह महीने का कोर्स शुरू किया है।

मेलबर्न में स्थित एक शिक्षा संस्थान आईएचएम पिछले 15 वर्षों से महत्वाकांक्षी नर्सों को प्रशिक्षण दे रहा है और 17,000 से अधिक नर्सों को ब्रिजिंग कोर्स पास करने में मदद की है जिससे वे ऑस्ट्रेलिया में काम कर सकें।

आईएचएम के बिजो कुन्नुमपुरम सीईओ केरालाइट ने कहा कि यह कोर्स विदेशी प्रशिक्षित पंजीकृत नर्सों को ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में अभ्यास शैलियों और आवश्यकताओं की पूरी तरह से समझने में मदद करेगा, साथ ही साथ उन्हें ऑस्ट्रेलियाई स्वास्थ्य व्यवसायी विनियमन एजेंसी के उद्देश्य संरचित पंजीकृत नैदानिक परीक्षा (ओएससीई) (एएचपीआरए) में आत्मविश्वास के साथ तैयार करेगा। केरल और भारत के अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में नर्सें ऑस्ट्रेलिया में काम करती हैं।