संदीप सिंह ठाकुर, मुंगेली. जिले के लोरमी खुड़िया वन परिक्षेत्र व अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में अपात्रों को अवैध वन भूमि अधिकार पत्र बांटने का मामला सामने आया है. शासन एक तरफ पर्यावरण की रक्षा के लिये जन जागरूकता लाकर अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील करता है. तो वहीं मुंगेली जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से जंगलों को बेचने जैसे मामले के सामने आने से हड़कंप मच गया है.
खुड़िया वन परिक्षेत्र के चचेड़ी वन प्रबंधन समिति के लोगों ने कलेक्टर और डीएफओ से अवैध पट्टा मामले की शिकायत की है. ग्रामीणों का आरोप है कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुये, बिना वन समिति में प्रस्ताव और अनुमोदन किए ही 272 अपात्रों को जिन्हें वर्ष 2013-14 में अपात्र घोषित किया गया था. उन्हें ही वन भूमि पट्टा वितरित किया जा रहा है. जिसमें 91 अपात्र लोगों को अधिकार पट्टा वितरित भी कर दिया गया. जो न तो बैगा आदिवासी है न ही वनों में रहने वाले.
ग्रामीणों हीरामणि तिवारी का आरोप है कि वर्ष 2017 में लोरमी में पदस्थ तत्कालीन एसडीएम पी निर्मल व एसडीओ मदन सिंह ने लोगों से मोटी रकम लेकर जंगल के जमीन की बंदरबांट की है. ऐसे में जगंलों के हरे भरे पेड पौधों की कटाई कर अतिक्रमण बढ़ने लगा है. ग्रामीण इस मामले की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है.
वहीं पूरे मामले को जानकारी लगने पर कलेक्टर डोमन सिंह ने लोरमी एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया. और मामले की जांच गंभीरता से करने के निर्देश दिये.
वन भूमि का पट्टा एक जटिल प्रक्रिया है. लेकिन यहां न तो वन समिति की सहमति और न ही किसी भी नियम का पालन किया गया और तो और पिछले कई साल से अपात्र होने के कारण पट्टे का आवेदन निरस्त होते आ रहे है. लेकिन अचानक क्या हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में वन अधिकार पत्र बना दिये गये. जो बड़ी धांधली को दर्शा रही है.