रायपुर. 1 जुलाई को जिलाध्यक्षों और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने साफ कर दिया था कि जिन्हें टिकट चाहिए वे इस्तीफा दे दें. लेकिन इस निर्देश का पार्टी में पालन होता फिलहाल नहीं दिख रहा है. अभी केवल बालोद के ज़िलाध्यक्ष अभिषेक शुक्ला और ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जुरेसिया ने ही इस्तीफा दिया है. प्रदेश के बाकी के अध्यक्ष अभी भी अगले निर्देश का इंतज़ार कर रहे हैं. प्रदेश में 8 ऐसे जिलाध्यक्ष हैं जो टिकट के दावेदार हैं.

इस सिलसिले में लल्लूराम डॉट कॉम ने कुछ जिलाध्यक्षों से बात की. उन्होंने बातचीत में इस सवाल से बचते दिखे. सबसे पहले हमारी टीम ने रायपुर शहर के अध्य़क्ष विकास उपाध्यक्ष से पूछा कि भूपेश के निर्देश के बाद वो क्या करने जा रहे हैं. तो उन्होंने केवल ‘नो कमेंट’ कहा. गौरतलब है कि विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम के प्रबल दावेदारों में से एक हैं.

इस मसले पर रायपुर ग्रामीण अध्यक्ष नारायण कुर्रे सवाल सुनते ही थोड़े असहज हो गए. कुर्रे ने कहा कि कोई पार्टी के नियम से अलग नहीं है. इस्तीफा देने का सही वक्त आयेगा तो दिया जाएगा. कोई जल्दी दे रहा है तो कोई देरी से. उन्होने चुनाव लड़ने की इच्छा भी जाहिर की.

इस मसले पर धमतरी जिलाध्यक्ष लेखराम साहू ने कहा कि अभी वक्त नहीं आया है. सही वक्त आने पर सही फैसला करेंगे. साहू ने कहा कि अभी वक्त नहीं आया है.

गौरतलब है कि इन जिलाध्यक्षों के अलावा जांजगीर चांपा के जिलाध्यक्ष दिनेशचंद्र शर्मा, नारायणपुर के जिलाध्यक्ष रजनू नेताम, बीजापुर के जिलाध्यक्ष विक्रम मंडावी, धमतरी जिलाध्यक्ष आशीष छाबड़ा और राजनांदगांव के जिलाध्यक्ष नवाज़ खान को टिकट का दावेदार माना जा रहा है. लेकिन इन लोगों ने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है.