अयोध्या में श्रीराम मंदिर परियोजना ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल का स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और भारत के नेशनल सेफ्टी काउंसिल का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा पुरस्कार जीता है. ये परियोजना सटीक योजना, उच्च सुरक्षा मानकों और उत्कृष्ट इंजीनियरिंग का प्रतीक है, जो भारत और ट्रस्ट की सांस्कृतिक धरोहर को विश्वस्तरीय स्तर पर संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. ये भारतीय निर्माण क्षेत्र के लिए एक नया मानक स्थापित करती है.

बता दें कि श्री राम जन्मभूमि मन्दिर में श्रीराम लला के विराजमान होने को एक वर्ष का समय होने वाला है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह पूर्वक मनाने की योजना-रचना तैयार की है. इसी के साथ ही मन्दिर निर्माण के शेष कार्य में भरपूर तेजी आई है. परकोटे में निर्माणाधीन शिव मन्दिर, सूर्य मन्दिर, दुर्गा माता मन्दिर, गणेश मन्दिर, अन्नपूर्णा मन्दिर और हनुमान मन्दिर में से कुछ का स्पष्ट स्वरूप उभर आया है. साथ ही शेष में निर्माण कार्य तेजी पर है. इसके अलावा मन्दिर के शिखर निर्माण का कार्य भी लगभग पूरा होने की ओर है.

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मंदिर के प्रथम तल का काम लगभग पूरा हो चुका है. जिसमें श्रीराम दरबार की स्थापना की जानी है. वहीं अब ट्रस्ट ने दूसरे तल पर भगवान श्रीराम की कथाओं का मंदिर बनाने का निर्णय लिया है. जिसमें भगवान राम की कथाओं को देख सकेंगे. साथ ही देश दुनिया में रचित रामायण के दर्शन होंगे. दूसरे तल पर राम कथाओं का मंदिर बनाया जाएगा. जिसमें भगवान राम से संबंधित दुनिया भर की सारी भाषाओं में रचित ग्रंथों का संग्रह कर विशाल ग्रंथगार तैयार किया जाएगा. इसमें प्राचीन पांडुलिपियों के अलावा प्रकाशित ग्रंथ समेत देश की विविध भाषाओं के रामायण और अन्य विद्वानों के शोध ग्रंथ भी शामिल किए जाएंगे.